26 जून को कोर्ट में पेश होने के आदेश

रींगस। नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी सीताराम कुमावत को राज्य सूचना आयोग ने नोटिस जारी कर 26 जून को कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया है। जानकारी के अनुसार पूर्व पार्षद व परिवादी विष्णु गंगावत ने नगर पालिका में कथित भ्रष्टाचार से संबंधित कई मामलों की पालिका के लोक सूचना अधिकारी व अधिशासी अधिकारी से सूचनाएं मांगी थी, लेकिन अधिशासी अधिकारी ने या तो सूचनाएं नहीं दी ओर जो दी उसमें गोलमोल तरीके से गुमराह करने का काम किया। इसके बाद में परिवादी ने राज्य सूचना आयोग का दरवाजा खटखटाया, इस मामले में राज्य सूचना आयोग के रजिस्ट्रार हनुमान सिंह गुर्जर ने नगरपालिका के इओ व लोक सूचना अधिकारी सीताराम कुमावत को 26 जून को कोर्ट में पेश होने के साथ ही नोटिस जारी के 21 दिन में आवेदक व आयोग को को सभी सूचनाएं उपलब्ध करवाने व सूचना से सम्बंधित समस्त अभिलेखों के साथ कोर्ट में पेश होने के आदेश जारी किए हैं। साथ हीआयोग ने इओ को चेतावनी देते हुए कहा है यदि सूचना प्रदान करने में आपके द्वारा विलम्ब किया गया तो अधिनियम 2005 की धारा 20 में आपको दंडित करने का प्रावधान है। गौरतलब है कि अधिशासी अधिकारी सीताराम कुमावत ने बिना किसी आदेश के रींगस नगर पालिका में पिछले 1 वर्ष से अपने लिए दो दो कारे किराए पर ले रखी है जिनका प्रतिमाह करीब 52000 हजार रुपये का भुगतान किया जा रहा है जिससे राजस्व को भी भारी नुकसान हो रहा है, परिवादी विष्णु गंगावत ने बताया कि नगर पालिका में कनिष्ठ अभियंता के पद पर सहायक अभियंता को लगा रखा है जबकि स्वायत शासन विभाग ने यहां पर कनिष्ठ अभियंता को जब नियुक्ति देकर 5 माह पूर्व भेजा तो उनको अधिशासी अधिकारी ने ड्यूटी ज्वाइन नही करने दी। इसके साथ ही बिना बोर्ड में प्रस्ताव लिए लाखों रुपए की लागत से वार्ड नंबर 19 खटिकों के मोहल्ले में प्रधानमंत्री स्वच्छ भारत मिशन योजना में बनाए नव निर्माण शौचालय को ध्वस्त कर दिया। गंगावत ने बताया कि रींगस नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी राजनीतिक संरक्षण के चलते कुछ अधिकारियों के साथ मिलकर खुलेआम भ्रष्टाचार कर रहे हैं जिससे उन्हें कानून का भय भी नहीं रहा, इसी के चलते बार-बार सूचनाएं मांगने पर भी सूचनाएं उपलब्ध नहीं करवाकर सूचना के अधिकार अधिनियम का चीर हरण कर रहे हैं।