कोरोना जैसी वैश्विक आपदा से मानव जीवन को बचाने की दुआ

बीकानेर, 03 मई। बीते शुक्रवार की शाम को चांद देखने के बाद मुस्लिम धर्मावलंबियों ने पहली बार अपने घरों में ही तरावीह की नमाज अदा कर रमजान माह का स्वागत किया। बडे़ लोगों की तहर छोटे-छोटे बच्चों ने भी पहला रोजा रखकर अल्लाह से अमनचैन की दुआ मांगी।

कोरोना जैसी वैश्विक आपदा से जूझ रहे भारत देश को कोरोना वायरस संकट से निजात दिलाने मुस्लिम समुदाय के बालक भी अल्लाह से दुआ कर रहे हैं। बीकानेर के ग्यारह वर्षीय फरहान ने अपने जीवन का पहला रोजा रखकर, अमन चैन की दुआ की। फरहान गौरी बीकानेर के अतिरिक्त जिला कलक्टर (प्रशासन) ए.एच.गौरी के पुत्र है। फरहान से बताया कि उसने अपने दादा हाजी नियाजुल हक व दादी हाजन बानो नगम व पिता ए.एच.गौरी की प्रेरणा से जीवन का पहला रोजा रखा है। उसने कहा कि दीन-दुखियों की सलामती के लिए उसने रमजान के इस पवित्र माह में पहला रोजा रखकर,अल्लाह से दुआ मांगी है। उसने बताया कि रमजान का पहला रोजा रखकर नमाज अदा करते हुए खुदा से अमन चैन कायम रखने की दुआ की। रोजा के दौरान नमाज अदा करने के अलावा इस नन्हे बच्चे ने कुरान भी पढी़ हैं।