

( महावीर कुमार सहदेव)- . . … अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस 12 मई को मनाया जाता है। इसकी शुरुआत अंतर्राष्ट्रीय नोबेल सर्विस देने वाली फ्लोरेंस नाइटेंगल के जन्म दिवस के अवसर पर मनाया जाता है! इसकी शुरुआत सन 1965 में प्रारंभ की गई। तब से लेकर अब तक यह इंटरनेशनल काउंसलिंग ऑफ नर्सेज के द्वारा मनाया जाता है। नर्सों के साहस और सराहनीय कार्य के लिए यह दिवस मनाया जाता है।
अस्पताल में रोगियों या पीड़ितों की सेवा करने के लिए नर्सें होती हैं ।


जब किसी मरीज को किसी प्रकार की दिक्कत होती है तो बेशक डॉक्टर उन्हें इलाज के लिए दवाइयां लिखता है लेकिन बिना नर्सों की सेवा भाव के मरीज कभी भी सहज नहीं हो पाता है। नर्सें वे हैं जो रोगियों की स्थानीय आवश्यकताओं को पूरा करती हैं। जिन्हें रोगियों के शारीरिक,मानसिक स्वास्थ्य में सुधार आदि के लिए, रोगी को ठीक से कैसे संभालना है, इसके बारे में उचित जानकारी है। भारत सरकार के परिवार एवं कल्याण विभाग ने भी राष्ट्रीय फ्लोरेंस नाइटिंगल पुरुस्कार कि शुरुआत की। नर्सो में जागरूकता को एक पेशे के रूप में और स्वास्थ्य देखभाल के कार्य के लिए। नर्सों द्वारा किए गए,योगदान को बढ़ाने के लिए दुनिया भर में अंतर्राष्ट्रीय नर्स दिवस मनाया जाता है।
अंतर्राष्ट्रीय नर्स दिवस प्रत्येक वर्ष 12 मई को दुनिया भर में मनाया जाने वाला एक अंतर्राष्ट्रीय दिवस है, जिसमे नर्सों द्वारा समाज के लिए किए गए योगदान का जश्न मनाया जाता है। फ्लोरेंस नाइटिंगेल जो की आधुनिक नर्सिंग के संस्थापक दार्शनिक थी उनका जन्म इस दिन यानि 12 मई 1820 को हुआ था। क्रीमियन युद्ध के दौरान नर्सों के प्रबंधक और प्रशिक्षक के रूप में काम करते हुए नाइटिंगेल को बहुत प्रसिद्धि मिली थी।
अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस का इतिहास अमेरिका के स्वास्थ्य, शिक्षा और कल्याण विभाग के एक अधिकारी डोरोथी सुदरलैंड ने पहली बार नर्स दिवस मनाने का प्रस्ताव 1953 में रखा था। इसकी घोषणा अमेरिका के राष्ट्रपति ड्विट डी.आइजनहावर ने की थी। पहली बार इसे साल 1965 में मनाया गया था। जनवरी, 1974 में 12 मई को अंतरराष्ट्रीय दिवस के तौर पर मनाने की घोषणा की गई। इसी दिन यानी 12 मई को आधुनिक नर्सिंग की संस्थापक फ्लोरेंस नाइटिंगेल का जन्म हुआ था। उनके जन्मदिन को ही अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस के तौर पर मनाने का फैसला लिया गया।


राष्ट्रीय फ्लोरेंस नाइटिंगल पुरस्कार
हर साल 12 मई को राष्ट्रीय फ्लोरेंस नाइटिंगल पुरस्कार दिया जाता है। इसकी शुरुआत 1973 में भारत सरकार के परिवार एवं कल्याण मंत्रालय ने की थी। पुरस्कार से नर्सों की सराहनीय सेवा को मान्यता प्रदान किया जाता है। पुरस्कार हर साल देश के राष्ट्रपति द्वारा दिया जाता है। फ्लोरेंस नाइटिंगल पुरस्कार में 50 हज़ार रुपए नकद, एक प्रशस्ति पत्र और मेडल दिया जाता है।
