– कुत्तों के अटेक से जख्मी लोमड़ी को कृत्रिम व्हीलचेयर का मिला सहारा

नागौर, ( ओम दैया )। विश्व स्तरीय गो चिकित्सालय, नागौर में गो चिकित्सा सेवा के साथ-साथ वन्य जीवों का भी विशेष ख्याल रखा जाता है, घायल व बीमार वन्य जीवों का बेहतरीन तकनीकी से ईलाज किया जाता है।
विश्व स्तरीय गो चिकित्सालय के व्यवस्थापक श्रवणराम विश्नोई ने बताया कि रोल निवासी वरिष्ठ कम्पाउण्डर रेखाराम अरिया ने अपनी तकनीकी द्वारा वन्य जीवों हेतु एक कृत्रिम व्हीलचेयर का आविष्कार किया।
जैसे सड़क दुर्घटना या अन्य किसी कारणो से वन्य जीवों की हड्डी फैक्चर होने से चलना मुश्किल हो जाता है। इस प्रकार नई तकनीकि का यह कृत्रिम व्हीलचेयर ऐसे वन्य जीवों व बछड़ो हेतु मील का पत्थर साबित होगा, ताकि कृत्रिम व्हीलचेयर के आधार पर आराम से विचरण कर सके।
इसी तरह नागौर जिले की मुण्डवा तहसील के ग्राम मुन्दीयाड़ से वन्य जीव प्रेमी राकेश फड़ोदा ने एक लोमड़ी को कुत्तो के झूंड से छुड़वाकर उनकी जान बचाई और ईलाज हेतु विश्व स्तरीय गो चिकित्सालय नागौर लेकर आये।

गो चिकित्सालय की अनुभवी मेडिकल टीम ने लोमड़ी का बेहतरीन ईलाज किया। कुत्तो के अटेक से लोमड़ी की रीड की हड्डी फैैक्चर हो गई थी, वरिष्ठ कम्पाउण्डर रेखाराम अरिया द्वारा बनाया गया नई तकनीकी का यह कृत्रिम व्हीलचेयर लोमड़ी के विचरण करने का एकमात्र सहारा बना।
गो चिकित्सालय में वन्यजीवों को वन्य जीव प्रेमी ही लेकर आते है इन घायल वन्यजीवों को कड़ी मेहनत व उच्च क्वालिटी की दवाईयाँ द्वारा उपचार किया जाता है व मानव बच्चों की तरह देखभाल की जाती है। खान-पान का भी पूरा ध्यान रखा जाता है।