-विश्वकर्मा औद्योगिक क्षेत्र के आंकेड़ा में अवैध रूप से बन रही फैक्ट्रियां
हरीश गुप्ता
जयपुर। विश्वकर्मा औद्योगिक क्षेत्र में रीको के बाद अवैध रूप से खेती की जमीन पर फैक्ट्रियां काटी जा रही है। जेडीए की उदासीनता के कारण अब आसपास की नदी नाले में भी कई फैक्ट्रियां खड़ी हो गई।
जानकारी के मुताबिक कुछ प्लॉट पर अवैध फैक्ट्रियां बनाए जाने की सूचना जेडीए प्रवर्तन शाखा के प्रमुख रघुवीर सैनी को बीते दिनों जानकारी मिली। जानकारी मिलते ही उन्होंने जेडीए का दस्ता भेजा। दस्ते ने वहां जाकर निर्माणाधीन दीवार आदि को ध्वस्त कर दिया।
जानकारी के मुताबिक आंकेड़ा में करीब 1000 बीघा में अवैध फैक्ट्रियां बन चुकी है और लगभग सभी चालू भी हो चुकी है। यह सभी निर्माण कोई 7-8 सालों के भीतर हुआ है। सभी या तो खेती की भूमि पर है या नदी नाले में। सभी में बिजली का कनेक्शन भी हो रखा है।
सवाल खड़ा होता है, बीते सात-आठ सालों से जेडीए के इस जोन के प्रवर्तन अधिकारी कौन कौन रहे? क्या उन्हें यह अवैध निर्माण नजर नहीं आए? क्या ‘सेवा’ होने के कारण वे धृतराष्ट्र बन गए? क्या एसीबी ने उनकी संपत्ति की जांच की? सवाल यह भी खड़ा होता है, बिजली कनेक्शन कैसे हुए? कनेक्शन करने वालों ने क्या पेपर चेक किए? प्रदूषण नियंत्रण मंडल को तो प्रदूषण ही नजर नहीं आ रहा? क्या ‘गुलाबी रंग के कागजों’ की चकाचौंध में सभी के ‘रतौंधी’ हो गई?
सूत्रों की मानें तो हरी नाम का एक भू कारोबारी क्षेत्र में धड़ल्ले से फैक्ट्रियां काटता है और तैयार भी करवाता है। सभी विभागों में उसकी खासी पकड़ है। किस काम का कितना ‘चार्ज’ उसे भली-भांति पता है। यही कारण है कि जेडीए, बिजली, प्रदूषण किसी को कोई आपत्ति नहीं होती और फैक्ट्रियां बनती रहती है तथा आज भी बन रही है। इस बात की किसी को चिंता नहीं की सरकारी खजाने में अरबों का चूना लग चुका है, चिंता है तो खुद की जेब की।