बीकानेर, 11 नवम्बर। जिला कलक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी कुमार पाल गौतम ने कहा कि निकाय चुनाव हेतु नियुक्त सभी पीठासीन अधिकारी और मतदान अधिकारी मतदान दिवस को माॅकपोल करवाया जाना सुनिश्चित करें। माॅकपोल प्रत्याशियों या प्रत्याशियों के प्रतिनिधियों की उपस्थिति में किया जाए, साथ ही माॅकपोल के पश्चात ईवीएम को क्लियर करने के पश्चात ही मतदान चालू करें। गौतम सोमवार को निकाय चुनाव हेतु राजकीय डूंगर महाविद्यालय में चल रहे पीठासीन एवं मतदान अधिकारियों के प्रशिक्षण में बोल रहे थे।

जिला निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि तृतीय मतदान अधिकारी मतदाता को मतदान कक्ष में जाने की अनुमति देने से पूर्व यह सुनिश्चित करें कि मतदाता की अंगुली में अमिट स्याही का निशान स्पष्ट है। उन्होंने कहा कि अधिकारी यह भी सुनिश्चित करें कि किसी भी समय मतदान कक्ष में एक से अधिक मतदाता को प्रवेश नहीं दिया जाए। जब तक पहले वाला मतदाता मतदान कक्ष के बाहर नहीं आए, तब तक दूसरे मतदाता को वोट कास्ट करने के लिए अंदर प्रवेश नहीं करने दिया जाए। उन्हांेने कहा कि मतदान के दौरान समय समय पर मतों की संख्या की जानकारी लेने के लिए नियंत्रण यूनिट के बटन को दबाकर संख्या ज्ञात कर ली जाए और मतदाता रजिस्टर की प्रविष्टी से मिलान कर लिया जाए, ताकि किसी भी तरह की गलती होने की संभावना ही न रहे।
प्रशिक्षण के दौरान गौतम ने कहा कि जब मतदान अधिकारी मतदाता के हस्ताक्षर कराये तो मतदाता से यह अपेक्षा की जाएगी कि वह पूरे हस्ताक्षर करे, अर्थात पूरा नाम लिखे। यदि कोई साक्षर मतदाता हस्ताक्षर स्वरूप मात्र एक निशान लगाए और यह तर्क दे कि यही उसके हस्ताक्षर हंै, तो उस मतदाता का अंगूठा निशानी लेनी चाहिए क्योंकि साक्षर व्यक्ति के मामले में हस्ताक्षर का आशय यह है कि जिस दस्तावेज पर अधि-प्रमाणन स्वरूप वह अपने हस्ताक्षर करता है, तो उसे अपना पूरा नाम दर्शित करते हुए ही हस्ताक्षर करने चाहिए। यदि साक्षर व्यक्ति उपरोक्त रीति से अपेक्षा-अनुसार हस्ताक्षर करने से मना करता है, तो उसका अंगूठा निशानी लेना चाहिए और अंगूठा निशानी भी नहीं करता है, तो उसे वोट देने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।

यदि कोई मतदाता हस्ताक्षर करने में असमर्थ है, तो मतदाता रजिस्टर में उसके बांये हाथ के अंगूठे का निशान लेना चाहिए। अंगूठा निशानी स्पष्ट होनी चाहिए। यदि बांये हाथ का अंगूठा नहीं है, तो दांये हाथ के अंगूठे की छाप लगाई जाएगी। दोनों ही अंगूठे नहीं होने के मामले में बांये हाथ की किसी भी अंगुली, जो तर्जनी से प्रारंभ हो, की छाप लगाई जाएगी। उन्हांेने कहा कि मतदान दल के पास अमिट स्याही की शीशी, मतदाता रजिस्टर, निर्वाचक नामावली की की कार्यकारी प्रति, पैन, स्टैम्प पैड और गीले कपड़े का टुकड़ा अनिर्वाय रूप से होना चाहिए।
उन्होंने सभी अधिकारियों से कहा कि मतदान से एक दिन पूर्व सभी को अपने मतदान केन्द्रों पर पंहुच जाना है, उसके बाद अगर किसी भी कार्मिक द्वारा मतदान केन्द्र को छोड़ा गया, तो उसके विरूद्ध कार्यवाही की जाएगी। मतदान करवाने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए संबंधित केन्द्र का बीएलओ भी सहायता के लिए उपलब्ध रहेगा।

13 को होगा प्रथम प्रशिक्षण
जिला निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि पीठासीन अधिकारी एवं प्रथम मतदान अधिकारी और द्वितीय मतदान अधिकारी का प्रशिक्षण 8 नवंबर से राजकीय डूंगर महाविद्यालय में चल रहा है। यह प्रशिक्षण 12 नवम्बर को नहीं होगा, जबकि प्रथम दौर का अंतिम प्रशिक्षण 13 नवम्बर बुधवार को यथावत रखा गया है।
राजकीय डूंगर महाविद्यालय में आयोजित प्रशिक्षण में मास्टर ट्रैनर के रूप में डाॅ.गौरव बिस्सा, डाॅ.वाई.बी. माथुर, डाॅ. शमिन्द्र सक्सेना, प्रशान्त जोशी आदि ने प्रशिक्षण दिया।

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