

कांग्रेस जहां राजस्थान, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ व तेलंगाना के विधानसभा चुनाव की तैयारी में है वहीं भाजपा ने अगले साल होने वाले आम चुनाव को लेकर पूरी ताकत झोंक दी है। कर्नाटक में हार का सबक लेने के बाद भाजपा आम चुनाव में उत्तर भारत के अपने किले को अभेद बनाने में जुट गई है। इसके साथ ही वो इन चार राज्यों के विधानसभा चुनाव की भी तैयारी कर रही है।
कल दिल्ली में उत्तर भारत के कुल 14 राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों के सीएम, पूर्व सीएम सहित बड़े नेताओं की बैठक पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा ने ली। इस बैठक में भाजपा के राष्ट्रीय पदाधिकारी भी शामिल हुए। इससे एक दिन पहले पीएम मोदी, गृह मंत्री अमित शाह व नड्डा की बैठक हुई थी। जिसमें भी सरकार व संगठन को लेकर गम्भीर बातें हुई। उत्तर क्षेत्र की ये बैठक उसी कड़ी में हुई है।
माना जा रहा है कि आने वाले समय में मंत्रिमंडल का पुनर्गठन होगा और राष्ट्रीय संगठन में भी बदलाव होगा। उस पर भी चर्चा होगी। कुछ मंत्रियों को संगठन में भेजा जायेगा और उनके स्थान पर नये लोगों को लिया जायेगा। जिन चार राज्यों में चुनाव होना है वहां से मंत्रिमंडल में कुछ लोगों को लिया जा सकता है। इसी तरह कुछ को नड्डा की टीम में शामिल किया जायेगा। स्पष्ट है कि सरकार व संगठन, दोनों में भाजपा बदलाव करेगी। भाजपा कुछ नये सहयोगियों को भी मंत्रिमंडल में शामिल कर सकती है। जिसमें चिराग की लोजपा, अजीत की एनसीपी हो सकती है। आंध्रा के चंद्रबाबू नायडू को भी साथ लाने की कोशिश हो रही है। वो साथ आये तो उनको भी सरकार में जगह मिल सकती है।
उत्तर क्षेत्र की कल हुई बैठक में सबसे पहले उन सीटों पर ध्यान देने का निर्णय हुआ है जो अभी भाजपा के पास है, उनकी किलेबंदी की रणनीति बनाई गई है। इसके अलावा कमजोर सीटों पर भी खास फोकस किया जा रहा है। भाजपा ने विपक्षी एकता के चल रहे प्रयासों को देखते हुए ये रणनीति बनाई है, क्योंकि उसे दक्षिण पर कम भरोसा है। इसी वजह से उत्तर व पूर्वोत्तर पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है, जिसके लिए पार्टी अभी से जुट गई है। दूसरी तरफ कांग्रेस अभी तक राज्यों के चुनाव की ही तैयारी में उलझी है।
– मधु आचार्य ‘ आशावादी ‘
वरिष्ठ पत्रकार

