केंद्र सरकार की वित्त मंत्री द्वारा कल संसद में रखे गये वर्ष 2023 के आम बजट से अगले साल होने वाले आम चुनाव की स्वर लहरियां साफ साफ सुनाई पड़ रही है। बजट घोषणाओं में युवा, आदिवासी, मध्यम वर्ग के लिए विशेष घोषणाएं हुई है जो इस साल होने वाले 10 राज्यों के चुनाव पर तो असर डालेगी ही, साथ ही 2024 के आम चुनाव का भी धरातल तैयार करेगी। पूर्वोत्तर के राज्यों पर भी इसमें विशेष ध्यान दिया गया है, क्योंकि वहां के राज्यों में भी इस साल चुनाव होने है।
त्रिपुरा, मेघालय व नागालैंड में चुनाव की तारीखों की घोषणा हो चुकी है। कश्मीर में चुनाव की तारीखें घोषित होनी है। वहीं इसी साल राजस्थान, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, कर्नाटक, तेलंगाना में भी चुनाव है। इन राज्यों में कुल 83 लोकसभा की सीट है, जिनका अगले आम चुनाव में खास महत्त्व है। बजट में इस बात का भी खास ख्याल रखा गया है।
हर साल आम बजट आने से पहले आयकर में छूट की सुगबुगाहट होती है, मगर आखिरकार निराश होना पड़ता है। इस बार के आम बजट ने 8 साल बाद आयकर सीमा में छूट की घोषणा हुई है। 5 लाख की सालाना आय से आयकर पर जो छूट थी वो बढाकर 7 लाख की गई है। इससे 10 राज्यों के चुनाव व अगले आम चुनाव में मध्यम वर्ग के मतदाता को आकर्षित करने की कोशिश की गई है। क्योंकि इसका सर्वाधिक असर भी इसी वर्ग पर होगा और यही वर्ग बड़ा वोटर भी है।
गरीब, मजदूर, किसान, युवा, आदिवासी, महिलाओं के लिए विशेष योजनाओं की घोषणा व बजट प्रावधान बड़े वोट बैंक को लुभाने का प्रयास है। आदिवासी वोटर छत्तीसगढ़, राजस्थान, कर्नाटक में असरकारक है जो राज्य चुनावों के साथ आम चुनाव में भी जुड़े, इसी कारण पॉइंटेड घोषणाएं इस वर्ग के लिए की गई है। वित्त मंत्री ने घोषणा की है कि जनजातीय समूहों की सामाजिक – आर्थिक स्थिति में सुधार के लिए पीएमपीबीटीजी विकास मिशन की घोषणा आदिवासी वोटर को साधने की कवायद है। किसान को साधने के लिए पशुपालन, डेयरी, मत्स्य पालन के लिए किसान को कर्ज देने का लक्ष्य 20 लाख करोड़ करने के पीछे भी किसान वोट को साधने का प्रयास है। सामाजिक योजनाओं के पूंजीगत व्यय में 33 प्रतिशत की बढ़ोतरी भी चुनावी बिसात में उपयोगी रहेगी।
गरीब लोगों के लिए इस बजट में पीएम आवास योजना का भी बजट बड़े वर्ग का वोट बैंक साधने के लिए बढ़ाया गया है। इस आवासीय योजना का बजट 66 फीसदी बढ़ाया गया है। इस योजना के तहत शहर व गांवों में गरीब को घर बनाने में सरकार ढाई लाख की मदद देती है। बजट में ये ध्यान बड़े वोट बैंक को साधने के काम आयेगा।
बजट की नई घोषणाएं केंद्र सरकार के लिए अगले आम चुनाव का धरातल तैयार करेगी। आदिवासी व दलित वोटर के साथ युवा वर्ग के लिए भी लोक लुभावन घोषणाएं इसका संकेत देती है।
कुल मिलाकर बजट से हर वर्ग को लाभ देने की कोशिश इस बात को प्रमाणित करती है कि सरकार ने अगले आम चुनाव की तैयारी आरम्भ कर दी है।


– मधु आचार्य ‘ आशावादी ‘
वरिष्ठ पत्रकार