जैसलमेर, 12 सितम्बर/ जिला मजिस्ट्रेट आशीष मोदी ने एक आदेश जारी कर जिले में पंचायत राज संस्थाओं के चुनाव माह सितम्बर एवं अक्टूबर में 28 सितम्बर से चार चरणों में होने वाले पंचायतीराज संस्थाओं के आम चुनाव 2020 को चुनाव शांतिपूर्वक, स्वतंत्रा एवं निष्पक्ष सुव्यवस्थित ढंग से सम्पन्न कराए जाने एवं जिले के सभी क्षेत्रों एवं सभी वर्गो के मतदाता बिना किसी आतंक एवं भय के अपने सवैधानिक मताधिकार का प्रयोग कर सके, इसके लिए असामाजिक, अवांछित, बाधक तत्वों की गतिविधियों को नियंत्रित करने तथा कानून व्यवस्था एवं लोक शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए दण्ड प्रक्रिया सहिता 1973 की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा जारी की है। यह आदेश जिले की ग्राम पचायतें जहां पर चार चरणों में सरपंच व पंच के चुनाव होने है, उन ग्राम पंचायतों में लागू होगा।
जिला मजिस्ट्रेट मोदी द्वारा जारी आदेश के अनुसार कोई भी व्यक्ति जैसलमेर जिले की राजस्व सीमा के भीतर अपने पास विस्फोटक पदार्थ, आग्नेय शस्त्रा जैसे रिवाल्वर, पिस्तौल, राइफल, बन्दूक, एमएल गन एवं अन्य हथियार जैसे गंडासा, फरसा, तलवार, भाला, कृपाल, चाकू, छुरी, बरछी, गुप्ती, खाखरी, खुखरी, वल्लभ, कटट्ार, धारिया, बघनखा, (शेरपंजा) जो किसी धातु से शस्त्रा के रूप में बना हो आदि एवं मोटे घातक हथियार, लाठी आदि सार्वजनिक स्थलों पर लेकर नहीं घूमेगा तथा न हीं प्रदर्शन करेगा और न ही साथ लेकर चलेगा। आदेश के अनुसार कोई भी व्यक्ति साम्प्रदायिक सद्भावना को ठेस पहुंचाने वाले नारे नहीं लगायेगा एवं न ही भाषण, उद्बोधन देगा, न ही ऐसे पेम्पलेट, पोस्टर चुनाव सामग्री छपवायेगा व न छापेगा या वितरण करेगा या वितरित करवायेगा तथा न ही ऐसे आॅडियो, विडियो, कैसेट के माध्यम से किसी प्रकार का प्रसार, प्रसार करेगा अथवा करवायेगा।

आदेशानुसार कोई भी व्यक्ति सार्वजनिक स्थल पर मदिरा का सेवन नहीं करेगा एवं न ही करवायेगा तथा अधिकृत विक्रेताओं को छोड़कर कोई भी व्यक्ति निजी उपयोग के कारण को छोड़कर किसी अन्य उपयोग के लिए सार्वजनिक स्थलों में से मदिरा लेकर आवागमन नहीं करेगा। आदेश के अनुसार जो व्यक्ति निःशक्त एवं अतिवृद्ध है जो लाठी के सहारे के बिना नहीं चल सकते है वे लाठी का प्रयोग कर सकते है उसके अलावा सिख समुदाय के व्यक्तियांे को उनकी धार्मिक परम्परा के अनुसार नियमान्तर्गत निर्धारित कृपाण रखने की छूट रहेगी। इसके साथ ही यह आदेश पर्वों के दौरान सक्षम स्वीकृति के तहत आयोजित धार्मिक समारोह, जुलूसों व कार्यक्रमों पर लागू नहीं होगा। यह आदेश पर्वो के दौरान सक्षम स्वीकृति के तहत आयोजित धार्मिक समारोह, जुलूसों व कार्यक्रमों पर लागू नहीं होगा।
जिला मजिस्ट्रेट द्वारा जारी आदेश के अनुसार कोई भी व्यक्ति सम्बन्धित उपखण्ड मजिस्ट्रेट की लिखित पूर्व अनुमति के बिना जुलूस, सभा/रैली एवं सार्वजनिक मीटिंग का आयोजन नहीं कर सकेगा, यह प्रतिबंध विवाह समारोह, शवयात्रा पर लागू नहीं होगा। साथ ही इस प्रकार की प्रत्येक सभा/जुलूस एवं सार्वजनिक मीटिंग की अनुमति आदर्श आचार संहिता एवं राज्य निर्वाचन आयोग के निर्देशांे की पालन के अन्तर्गत होगी, जिसका स्पष्ट उल्लेख अनुमति देने वाले अधिकारी द्वारा किया जायेगा एवं समक्ष मजिस्ट्रेट व पुलिस अधिकारी उसकी पालना सुनिश्चित करवाएगें। ऐसे प्रत्येक आयोजन की विडियोग्राफी उपखण्ड व तहसील स्तरीय आदर्श अचार संहिता टीम द्वारा करवानी भी प्राधिकृत अधिकारी (उपखण्ड मजिस्ट्रेट) द्वारा सुनिश्चित की जायेगी। ऐसी प्रत्येक अनुमति की प्रति खर्चा (निर्वाचन) व्यय के सम्बन्ध में सूचना नोडल अधिकारी (उम्मीदवारों के व्यय विवरण की जांच) को उपलब्ध करवाया जाना सुनिश्चित करेगे।

आदेश के अनुसार कोई भी व्यक्ति या संस्था इन्टरनेट तथा शोसल मीडिया जैसे फेसबुक, ट्विटर, व्हाट्स ंअप, यू ट्यूब आदि के माध्यम से किसी प्रकार का धार्मिक उन्माद जातिगत द्वेष या दुष्प्रचार नहीं करेगा। किसी भी मन्दिर, मस्जिद, गुरूद्वारा, गिरिजाघरों या अन्य धार्मिक स्थानों पर चुनाव प्रचार के मंच के रूप में प्रयोग नहीं किया जायेगा।
जारी आदेश के अनुसार शस्त्रा अनुज्ञा पत्रा नवीनीकरण के लिए आदेशानुसार शस्त्रा निरीक्षण करवाने अथवा शस्त्रा पुलिस थाने मंे जमा करवाने के लिए ले जाने पर लागू नहीं होगा। यह आदेश उन व्यक्तियांे पर जो राजकीय ड्यूटी के दौरान अपने पास हथियार रखने को अधिकृत है पर लागू नहीं होगा। आदेश के तहत ‘‘राजस्थान एपीडेमिक डिजीजेज एक्ट, 1957 एवं भारत सरकार एवं राज्य सरकार द्वारा कोरोना संक्रमण के प्रचार प्रसार पर नियंत्राण के सम्बन्ध में समय समय पर जारी दिशा निर्देशों की पालना जिले के समस्त नागरिको द्वारा आवश्यक रूप से की जायेगी। समस्त जिला स्तरीय अधिकारी तथा कार्मिको द्वारा इसमें आवश्यक सहयोग किया जायेगा।
यह आदेश 10 सितम्बर 2020 से लागू होकर चुनाव सम्पन्न होने तक प्रभावी रहेगा। इस आदेश की अवहेलना करने वाले व्यक्ति अथवा व्यक्तियों पर भारतीय दण्ड संहिता की धारा 188 के अन्तर्गत अभियोग चलाया जायेगा।