– मंत्री सुखजिंदर के करीबी ने बिना मान्यता के ₹ 70 वाली बीज ₹200 में बेची
देश में कोरोना संकट के बीच किसान परेशान हैं. ऐसे में पंजाब में बीज घोटाले को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है. राज्य की कैप्टन अमरिंदर सरकार में सहकारिता मंत्री सुखजिंदर रंधावा के करीबी कारोबारी ने 70 रुपए वाली बीज 200 रुपए में बेची है. बड़ी बात यह है कि रंधावा के करीबी कारोबारी को बीज बेचने की मान्यता भी नहीं मिली हुई थी।
बीज़ घोटाले के तार करनाल एग्री सीड फ़ैक्टरी से जुड़े हैं. जिसके मालिक लक्की किसानों को मंहगी दर पर अनधिकृत तौर पर बीज बेचने के आरोप में घिरे हैं. ये फ़ैक्टरी हरियाणा के करनाल में नहीं बल्कि कैप्टन सरकार में मंत्री सुखजिंदर रंधावा के विधानसभा क्षेत्र डेरा बाबा नानक में है।
लुधियाना स्थित पंजाब कृषि विश्वविद्यालय ने किसानों के लिए धान के बीज़ की दो नई क़िस्में तैयार की. धान की दोनो क़िस्में अभी खुले बाज़ार में नहीं बिक सकती थी. इसके बावजूद हज़ारों क्विंटल बीज़ खुले बाज़ार में बिकने पहुंच गया. कृषि विश्वविद्यालय खुद किसानों को 70 रुपये किलो के हिसाब से बेच रही है. यूनिवर्सिटी जब तक किसी निजी बीज कंपनी, प्रमोटर या उत्पादक को अधिकृत नहीं करती तब तक बीज खुले बाजार में नहीं बिक सकता.बराड़ सीड स्टोर पर कृषि विश्वविद्यालय में तैयार बीज का स्टॉक पकड़ा गया. तब पता चला कि धान के बीज की दोनो क़िस्में करनाल एग्री सीड ने सप्लाई की हैं।
अब ये बीज घोटाला सिर्फ आरोप तक नहीं रह गया है. इस मामले में बाकायदा एफआईआर दर्ज हो चुकी है. करनाल के नाम से जो कंपनी डेरा बाबा नानक में चल रही है, उसकी जांच भी चल रही है. सस्ता बीज किसानों को महंगे रेट पर बेचने वाली करनाल एग्री सीड के मालिक के तार सीधे सत्ता से जुडे हुए हैं. इसीलिए पंजाब की प्रमुख विपक्षी दल अकाली दल ने बीज घोटाले की जांच केंद्रीय एजेंसी से कराने की मांग कर दी है. अकाली दल ने इस मामले में 28 मई से पंजाब में विरोध प्रदर्शन का एलान किया है।
इन आरोपों को लेकर सहकारिता मंत्री सुखजिंदर रंधावा का पक्ष जानने के लिए एक न्यूज़ एजेंसी अपने दो रिपोर्टरों को रंधावा के घर भेजा. रंधावा मिले भी, लेकिन कैमरे पर कुछ भी बोलने से बचते रहे. इतना ही नहीं फ़ैक्टरी के मालिक लक्की भी कैमरे पर आने तो तैयार नहीं हुए, लेकिन इतना ज़रूर कहते हैं कि जल्द ही मीडिया के सामने सब कुछ बयान करेंगे.