– आपदा में भी करोड़ों बटोरे,आर टी आई से खुलासा

नई दिल्ली, (दिनेश शर्मा “अधिकारी”)। एक लंबे समय से कोरोना का दौर चल रहा है और ऐसे में पूरा देश विकट परिस्थितियों का सामना करने पर मजबूर है लेकिन ऐसे वक्त में भी देखने-सुनने में ये आ रहा है कि लोग सरेआम लूट का धंधा कर रहे हैं| बहुत से लोग ऐसे भी हैं जो निस्वार्थ कोरोना के इस भयावह समय में अपनी सेवा दे रहे हैं…सहायता कर रहे हैं| लेकिन ऐसे लोगों की संख्या लूटने वाले लोगों की संख्या से कहीं न कहीं कम ही है| आज जब कोरोना से हालात बेहद ज्यादा खराब हैं तो आपको देखने को मिल रहा है किस तरह अस्पताल में भर्ती होने, ऑक्सीजन, जरुरी दवाओं, एम्बुलेंस या अन्य लाने-ले जाने वाला वाहन और यहां तक की अंतिम संस्कार में भी लूट मच रखी है|

इधर, बेहद हैरानी तो तब होती है जब यह पता चलता है कि एक प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटी ने भी खुलेआम करोड़ों की लूट की है| जो यूनिवर्सिटी विश्व स्तर पर अपना नाम रखती है| जिस यूनिवर्सिटी से न जाने कितने ऐसे लोग पढ़कर निकले जिन्होने देश का नाम रोशन किया| वह यूनिवर्सिटी भी आपदा में अवसर ढूढ़ने का काम करती है| चंडीगढ़ स्थित पंजाब यूनिवर्सिटी की| इसके बारे में यह पता लगा है कि यहां एडमिशन चाहने वालों से एंट्रेंस टेस्टों के नाम से करोड़ों की लूट की गई है| लूट ऐसे कि एडमिशन चाहने वालों से जिन एंट्रेंस टेस्टों के नाम से बड़े पैमाने पर पैसा लिया गया…वह कभी करवाए ही नहीं गए| पंजाब यूनिवर्सिटी के पास इस प्रकार से 10 करोड़ की रकम जमा हुई| पंजाब यूनिवर्सिटी ने यह जानते हुए भी एंट्रेंस टेस्टों के नाम यह रकम जमा की..कि कोरोना के समय में एंट्रेंस टेस्टों का होना संभव ही नहीं है| कोरोना के चलते सभी शिक्षण संस्थान बंद चल रहे हैं|

फिलहाल, पंजाब यूनिवर्सिटी द्वारा ऐसा कुछ किया गया है…शायद इसका पता चलता ही नहीं| अगर सूचना के अधिकार अधिनियम के प्रवधानों के तहत इस बारे में जानकारी न ली गई होती| दरअसल आरटीआई एक्टिविस्ट डॉ राजेंद्र के सिंगला ने आरटीआई आवेदन के माध्यम से यूनिवर्सिटी से जानकारी मांगी कि यह बताया जाए कि सत्र 2020-21 में विभिन्न कोर्सों में एडमिशन के लिए एंट्रेंस टेस्टों के नाम पर कितना धन इकटठा किया गया है| पहले तो यूनिवर्सिटी की ओर से इस बारे में जानकारी पर आनाकानी की जाती रही लेकिन बाद में ज्यादा दबाब बनने पर बताया गया कि पंजाब यूनिवर्सिटी ने एडमिशन के लिए एंट्रेंस टेस्टों के नाम पर 9,72,24066 की राशि जमा की है और यह राशि पंजाब यूनिवर्सिटी के पास ही है| पंजाब यूनिवर्सिटी ने यह राशि लौटाई नहीं है जबकि यूनिवर्सिटी की तरफ से एडमिशन के लिए एंट्रेंस टेस्टों को नहीं करवाया गया है| कहा जा रहा है कि पंजाब यूनिवर्सिटी का ऐसा करना उसकी एक सुनियोजित रणनीति है| फिलहाल पंजाब यूनिवर्सिटी ने यह 10 करोड़ रुपए क्यों लूटे…इसका जबाब आने वाले समय में सामने आयेगा|

आरटीआई एक्टिविस्ट डॉ राजेंद्र के सिंगला ने इस बारे में कार्रवाई की मांग की है| उन्होने उपराष्ट्रपति व पंजाब यूनिवर्सिटी के चांसलर को मामले से अवगत करवाते हुए गुहार लगाई है कि इस मामले के दोषी उच्च अधिकारियों पर जल्द से जल्द कानूनी कार्रवाई की जाए।