– एस एन श्याम
पटना ,।पटना के बेउर जेल के बंदी अपनी विभिन्न मांगों को लेकर बृहस्पतिवार को सुबह धरना पर बैठ गए । धरना पर बैठे बंदिओं ने जेल प्रशासन के खिलाफ नारे लगाए । धरना की सूचना मिलते ही प्रशासन के कान खड़े हो गए । आनन-फानन में कारा अधीक्षक दल बल के साथ धरना स्थल पर पहुंचे और बंदियों को मनाने की काम शुरू कर दी ।
जेल सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सरयु खंड के माओवादी बृहस्पतिवार को सुबह अपनी कई मांगों को लेकर धरना पर बैठ गए धरना पर बैठे बंदियों ने शिकायत भरे लहजे में कहा कि कोरोना काल को लेकर पिछले कई महीनों से फिजिकल मुलाकात की की स्थिति काफी दयनीय है । जेल प्रशासन फिजिकल मुलाकात पर पूरी तरह रोक लगा दिया है । बंदियों ने यह भी आरोप लगाया कि सर्दी का मौसम शुरू हो गया है और ऐसी स्थिति में उन्हें गर्म कपड़ों की जरूरत पड़ रही है । इसके अलावा बंदियों को बाहर से आने वाली खाना पर भी पूरी तरह रोक लगा दिया गया था । इन सभी समस्याओं को लेकर बृहस्पतिवार की सुबह बंदियों का आक्रोश फूट पड़ा और उन्होंने सरयू खंड के नजदीक धरना पर बैठ गए । लगभग 2000 बंदी धरना पर बैठ कर जेल प्रशासन के खिलाफ जेल के अंदर जमकर प्रदर्शन किया । बंदियों की मानें तो जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होगी तब तक वह धरना स्थल से हटने को तैयार नहीं है । बंदियों ने यह भी आरोप लगाया कि दुर्गा पूजा के पहले उन्होंने जेल प्रशासन को लिखित आवेदन देकर फिजिकल मुलाकात थी सहित कई समस्याओं से निदान की मांग की थी । जेल प्रशासन में उन्हें इस बात के लिए आश्वासन भी दिया था । इसके बावजूद भी दुर्गा पूजा गुजर जाने के बाद जेल प्रशासन की ढुलमुल रवैया से माओवादी बंदियों में काफी आक्रोश है ।

इस बात को लेकर कारा अधीक्षक जितेंद्र कुमार से बात करने पर उन्होंने बताया कि उनकी समस्याओं को लेकर जेल आईजी से बातें की गई है । जेल सुपरिटेंडेंट जितेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि लगभग 2 हजार बंदिओं द्वारा दुर्गा पूजा से पहले फिजिकल मुलाकात , गरम कपड़ा और खाना को लेकर आवेदन दिया गया था । आज बंदियों द्वारा धरना पर बैठे रहने की मामले की पुष्टि करते हुए उन्होंने बताया कि इस मामले में जेल आईजी से बात की गई है । उन्होंने बताया कि जेल आईजी द्वारा उनकी मांगों को मांग लिया गया है और जल्द ही फिजिकल मुलाकात की और गर्म कपड़े का आदेश मिलने के बाद यह काम आज से ही शुरु कर दिया जाएगा जेल सुपरिटेंडेंट ने दावा किया कि उनकी मांगों को मान लेने के बाद धरने पर बैठे बंदिओं ने अपना धरना समाप्त कर दिया है ।

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