अजमेर के वरिष्ठ पत्रकार सुरेंद्र चतुर्वेदी जिसने अपने जीवन के 45 साल पत्रकारिता के नाम पर समर्पित कर दिए उनके खिलाफ षड़यंत्रपूर्वक कार्यवाही के विरोध में सम्पूर्ण पत्रकार जगत एक साथ खड़ा है, वहीं उनके समर्थन में आमजन भी जुटने लगा है !
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वरिष्ठ पत्रकार के खिलाफ दमनकारी कार्यवाही के रूप में किये जा रहे प्रहार के जवाब में प्रतिकार करने जिले व राज्य के पत्रकार एकजुट हुए, जगह-जगह दिए जा रहे हैं मुख्यमंत्री व राज्यपाल के नाम ज्ञापन, षड़यंत्रकारियों को मुंह तोड़ जवाब देने की तैयारी !!

✍🏽 तिलक माथुर
केकड़ी_राजस्थान
लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ पत्रकारिता को कुचलने की कुचेष्टा जब-जब भी किसी ने की है उसे मुंह की खानी पड़ी है, इतिहास गवाह है ! ऐसी ही कुचेष्टा अजमेर के वरिष्ठ पत्रकार श्री सुरेंद्र चतुर्वेदी जिन्होंने अपने जीवन के बेशकीमती 45 वर्ष पत्रकारिता के नाम समर्पित कर दिए के साथ करने की कोशिश की जा रही है। लेकिन षड्यंत्रकारी शायद ये भूल रहे हैं कि जिस शख्स के खिलाफ वो षड़यंत्र रच रहे हैं वो कोई छोटी-मोटी हस्ती नहीं हैं।

पत्रकारिता जगत में आज अजमेर जिले सहित पूरे राजस्थान में उनकी एक विशिष्ट पहचान है। अजमेर के वरिष्ठ पत्रकार श्री सुरेंद्र चतुर्वेदी के खिलाफ क्रिश्चियन गंज थाने में किसी कपिल सारस्वत ने मनगढ़ंत, बेबुनियाद आरोप लगाते हुए एफआईआर दर्ज कराई है। श्री चतुर्वेदी पर करोड़-दो करोड़ रुपये मांगने जैसा घिनौना आरोप लगाया गया है जो हास्यास्पद नजर आता है। माना कि सुरेंद्र चतुर्वेदी एक बेबाक, दबंग, निष्पक्ष कलमकार हैं, मगर उन पर 45 साल के पत्रकारिता के सफर में एक भी लेनदेन का आरोप नहीं लगा, उनकी ईमानदारी पर शक करना अपनी माँ पर शक करने जैसा है ! मैं मानता हूं कि श्री सुरेंद्र चतुर्वेदी एकदम सीधी-सट्ट, बेबाक व तीखी लेंग्वेज लिखते हैं, मगर दावे के साथ कह सकता हूं कि वे लेन-देन के मामलों से कोसों दूर हैं। सर्वविदित है कि श्री सुरेंद्र चतुर्वेदी को किसी भी सूरत में मैनेज नहीं किया जा सकता। उनकी तासीर से अजमेर जिला ही नहीं पूरा राजस्थान भली-भांति परिचित है कि श्री चतुर्वेदी बेबाक, निडर व निष्पक्ष कलम के धनी हैं। यही वजह है कि आज पूरे राजस्थान का पत्रकार जगत उनके साथ खड़ा है।

उन पर जिस व्यक्ति ने घिनौना आरोप लगाकर पुलिस में एफआईआर दी है, वह भी ये जानता है कि श्री चतुर्वेदी पर लगाया गया आरोप एकदम झूठा व मनघड़ंत है। जिस प्रकार से उन्हें झूठे मुकदमे में फंसाने की कोशिश की जा रही है उससे स्पष्ट तौर पर लगता है कि शिकायत कर्ता को राजनीतिक संरक्षण प्राप्त है और वह किसी के प्रभाव में आकर उसके इशारे पर यह घिनौनी हरकत कर रहा है। भले ही श्री चतुर्वेदी के खिलाफ पुलिस में मामला दर्ज कराया गया है, मगर मैं यह कह सकता हूं कि मामले की निष्पक्ष जांच हुई तो यह बात पक्की है कि पुलिस जांच में दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा। वरिष्ठ पत्रकार श्री सुरेंद्र चतुर्वेदी एक ऐसी शख्सियत का नाम है जिसके साथ न केवल पत्रकार जगत खड़ा है, बल्कि यूं कहें कि उन पर की जा रही षड़यंत्र पूर्वक कार्यवाही के विरोध में उनके साथ समाज का हर वर्ग व आमजन खड़ा है। यही वजह है कि जिले सहित अन्य जगहों पर पत्रकार संघ व विभिन्न संगठन मुख्यमंत्री व राज्यपाल के नाम ज्ञापन दे रहे हैं, यह सिलसिला अभी शुरू हुआ है। यही कारंवा जब आगे बढ़ेगा तो षड्यंत्रकारियों को धूल चटा देगा।

पहली बार किसी पत्रकार के साथ अजमेर सहित जिले व राज्य के पत्रकारों को जुट होते हुए देखा गया है। मैं यह दावे के साथ कह सकता हूं कि राज्य के पत्रकारों में आई यह क्रांति अंजाम तक पहुंचकर एक नया इतिहास रचेगी ! न्याय मिलने तक पत्रकारों की यह लड़ाई जारी रहेगी, शीघ्र ही इस मामले में कई पत्रकार संगठन मुख्यमंत्री व राज्यपाल से भी मिलेंगे व वस्तुस्थिति से उन्हें अवगत कराएंगे। उल्लेखनीय है कि वरिष्ठ पत्रकार श्री सुरेंद्र चतुर्वेदी को अजमेर जिले का हर व्यक्ति जानता है, आज तक उनकी कार्यशैली पर प्रश्न खड़े नहीं हुए, हो सकता है उनकी बेबाक शैली की वजह से कुछ भ्रष्टाचारियों, राजनेताओं, भूमाफियाओं व गलत काम करने वालों को पीड़ा हो मगर आमजन में उनकी इसी बेबाक शैली ने उनको पत्रकारिता जगत का हीरो माना है।

लोगों का तो यहां तक कहना है कि श्री चतुर्वेदी पर की जा रही षड्यंत्रपूर्वक कार्यवाही षड्यंत्रकारियों के पतन का कारण भी बन सकती है। 65 वर्षीय श्री सुरेंद्र चतुर्वेदी के बारे में हर कोई जानता है वे जितने बड़े कलमकार हैं उतने ही बड़े साहित्यकार, गजलकार व कवि भी हैं। जब वे अजमेर के एक सुप्रसिद्ध व चर्चित अखबार “न्याय” में चक्रम के नाम से कॉलम लिखते थे तो लोग सुबह-सुबह उनके कॉलम को पढ़ने के लिए बेताब नजर आते थे। जिस प्रकार वे इन दिनों ब्लॉग लिख रहे हैं उसी बेबाक अंदाज से दैनिक न्याय में “चक्रम” कॉलम लिखा करते थे, उनकी इसी बेबाक शैली ने कईयों की नींद हराम कर रखी है। कईयों को तो यही डर बना रहता है कि कहीं उनका नम्बर नहीं आ जाये। ऐसा नहीं कि श्री चतुर्वेदी केवल नकारात्मक खबर ही लिखते हैं, उन्होंने समय-समय पर अच्छे कार्यों की प्रंशसा करते हुए लिखा है व अच्छे लोगों को अपनी लेखनी से प्रोत्साहित भी किया है, उनके लेखन आज भी कई मायनों में लोगों के लिए प्रेरणा के स्त्रोत बने हुए हैं।

उनकी अब तक 50 पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। उन्होंने “मानव व्यवहार व पुलिस” नामक पुस्तक लिखी थी जो आज भी पुलिस पाठ्यक्रम में चल रही है। इसी प्रकार श्री सुरेंद्र चतुर्वेदी ने 5 फिल्मों घात, लाहौर, तेरा क्या होगा जानी, अनवर व कबूतर बाज (जो शीघ्र ही रिलीज होने वाली है) में पटकथा व गीत लेखन का कार्य किया है। ऐसी अनेक खूबियां हैं जिनकी वजह से लोग उन्हें अजमेर जिले व राजस्थान में ही नहीं पूरे हिंदुस्तान में जानते हैं। आज जब श्री सुरेंद्र चतुर्वेदी के खिलाफ षड़यंत्र पूर्वक कार्यवाही की जानकारी लोगों को मिली तो समूचे पत्रकार जगत व आमजन में गहरी नाराजगी व आक्रोश व्याप्त हो गया है। लोग अब किसी भी दमनकारी कार्यवाही को बर्दाश्त नहीं करेंगे, चारों तरफ से लोग संगठित होने लगे हैं, दमनकारी प्रहार का मुंह तोड़ जवाब देने के लिए लोग प्रतिकार करने की ठान चुके हैं !