-कुलपति देव स्वरूप का फरमान, बच्चों को अगली कक्षा में प्रमोट किया जाए

जयपुर (हरीश गुप्ता )। डॉक्टर भीमराव अंबेडकर विधि विश्वविद्यालय नए नए फार्मूले ईजाद कर रहा है। अब कुलपति ने परीक्षा न करवाकर बच्चों को अगली कक्षा में प्रमोट करने के आदेश जारी कर दिए। इस आदेश ने लॉ स्टूडेंट्स में ही नहीं, बल्कि शिक्षा जगत में भूचाल ला दिया है।
गौरतलब है डॉक्टर भीमराव अंबेडकर विधि विश्वविद्यालय मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का ड्रीम प्रोजेक्ट है और खुद गहलोत डॉ देवस्वरूप की कार्यकुशलता की तारीफ करते हैं। हाल ही में इस विश्वविद्यालय के कुलपति ने एक आदेश जारी किया जिसमें परीक्षा नहीं करवाने और बच्चों को अगले सत्र में प्रवेश देने को कहा गया है।
जानकारी के मुताबिक इस आदेश के बाद शिक्षा जगत में चर्चाओं के दौर शुरू हो गए। चर्चाएं जोरों पर हैं, ‘डा देवस्वरूप परीक्षा कराने में फेल साबित हुए इसलिए यह आदेश निकाला है।’ ‘…सिस्टम से देखा जाए तो परीक्षा मई माह में पूरी हो जानी चाहिए थी।’ ‘…अब तो कोरोना भी नहीं जो इस फार्मूले को इस्तेमाल करने की जरूरत आन पड़ी।’
जानकारी के मुताबिक चर्चाएं यह भी है, ‘विधि में मास्टर की डिग्री करने वाले अच्छे कॉलेज में प्रवेश कैसे लेंगे? बगैर मार्कशीट के कौन कॉलेज दाखिला देगा? इस फार्मूले की खोज करने के बाद बार काउंसिल से स्वीकृति भी लेनी चाहिए थी? क्या वह ली?शायद नहीं। ऐसे में प्रमोट होने वाले छात्रों का भविष्य अंधकारमय ना हो जाए।
गौरतलब है एक तरफ युवा बेरोजगारों पर चिंता करने वाले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत प्राइवेट नौकरियों में आरक्षण देने की बात कर रहे हैं, वहीं इस फार्मूले के बाद उन वकीलों को कौन नौकरी देगा जो इस फार्मूले के शिकार होंगे? चर्चा यह भी है, ‘…यूपी वालों के दबदबे में ‘श्रीमान’ राजस्थानियों के भविष्य को क्यों पलीता लगा रहे हैं?’ ‘…आखिर परीक्षा कराने में परेशानी क्या है? प्रदेश के सभी विधि महाविद्यालय इस विश्वविद्यालय से संबद्ध है।