बीकानेर।राष्ट्रीय जाम्भाणी साहित्य अकादमी, बीकानेर द्वारा आयोजित ऑनलाईन पांच दिवसीय काव्योत्सव के चौथे दिन भी कार्यक्रम में देशभर के कवियों ने भाग लिया और अति उत्साजनक और सफल रहा।
यह जानकारी देते हुए जाम्भाणी साहित्य अकादमी, बीकानेर के प्रैस संयोजक पृथ्वीसिंह बैनीवाल बिश्नोई ने बताया कि चौथे दिन आयोजित बीकानेरी कवि सम्मेलन की अध्यक्षता डॉ. कृष्णलाल बिश्नोई ने की जबकि डॉ. मदन केवलिया मुख्य अतिथि रहे। इसी कड़ी में श्री नेमीचंद गहलोत और श्री प्रमोद कुमार शर्मा विशिष्ट अतिथि का पद सुशोभित किया।
इस बीकानेरी कवि सम्मेलन में लगभग 29 कवियों ने भाग लिया। पूरे तीन घण्टे तक लगातार शानदार एक से बढ़कर एक कविताएं प्रस्तुत की गई। इनमें सदगुरु देव श्री जम्भेश्वर भगवान की स्तुति, राजस्थान का राज्य वृक्ष खेजड़ी, नीम और पिताजी, स्वास्थ्य, स्वच्छता, खेजड़ली बलिदान, गुरु जाम्भोजी का योगदान, 29 नियम जीवन की आचार संहिता, बिश्नोई एक जीवन शैली है, वृक्षरक्षण, वृक्षारोपण और जीव दया पालन करना, बीकानेरी धरती की महिमा, महान जाम्भाणी कवियों की रचनाएं भाव-विभोर करने वाली रही।
पृथ्वीसिंह बैनीवाल बिश्नोई ने बताया कि विद्वतजनों ने इस जाम्भाणी काव्योत्सव की सफलता के साथ साथ इसे जीवन का नव अनुभव भी बताया। कवियों और वरिष्ठ जन वक्ताओं ने अपनी रचना एवं उद्बोधनों में यह भी कहा कि श्री गुरु जाम्भोजी की शिक्षाओं को अपना लेने के बाद किसी भी संकट का समाधान सम्भव हो सकता है। उन्होंने कहा श्री गुरु जाम्भोजी की शिक्षा एवं 29 नियम मानव सहित सभी प्राणियों के लिए कल्याणकारी है।
अंत में काव्योत्सव संयोजक तथा बीकानेरी कवि सम्मेलन के अध्यक्ष डॉ. कृष्णलाल देहड़ू बिश्नोई ने मुख्य अतिथि, विशिष्ट अतिथियों, सभी कवियों, दर्शकों और श्रोताओं का हार्दिक आभार व्यक्त किया। उन्होंने प्रैस संयोजक पृथ्वीसिंह बैनीवाल बिश्नोई, तकनीकी कार्य संयोजक डॉ. लालचंद जी बिश्नोई एवं सहयोगी संयोजक विकास बिश्नोई तथा मंच संचालक डॉ. रामस्वरूप जंवर बिश्नोई का भी दिल गहराइयों से आभार व्यक्त किया।