सबसे बड़े साथी MQM-P ने भी साथ छोड़ा, विपक्ष हुआ भारी

नई दिल्ली : पाकिस्तान के प्रधानमंत्री और अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेटर रहे इमरान खान की पारी किसी भी वक्त खत्म हो सकती है। सियासी जानकारों के मुताबिक वे अपनी पूरी पारी नहीं खेल पाएंगे। दरअसल, इमरान खान के गठबंधन के सबसे बड़े साथी मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट पाकिस्तान (MQM-P) ने भी उनका साथ छोड़ दिया है। और इसके बाद उनकी पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) बहुमत के आंकड़े 172 से नीचे चली गई है। जियो न्यूज की एक रिपोर्ट के मुताबिक 177 सांसदों के साथ विपक्ष अब सत्ता पक्ष पर भारी हो गया है। विपक्ष को अब असंतुष्ट PTI सांसदों के समर्थन की भी जरूरत नहीं रह गई है। दूसरी ओर इमरान सरकार के पास सिर्फ 164 सांसदों का समर्थन ही रह गया है। इसके पहले निर्दलीय मोहम्मद असलम भूटानी ने इमरान खान सरकार को दिया समर्थन वापस ले लिया था। उन्होंने पाकिस्तान पीपल्स पार्टी के आसिफ अली जरदारी से मुलाकात करने के बाद यह फैसला लिया। इससे पहले PML-Q सांसद और संघीय आवास मंत्री रहे तारिक बशीर चीमा ने विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव के समर्थन में मतदान करने का फैसला लिया है। बता दें कि 342 सदस्य वाली पाकिस्तान की नेशनल असेंबली में सरकार में बने रहने के लिए इमरान खान को 172 संसद चाहिए। जबकि मौजूदा वक्त में 164 सांसदों का ही समर्थन उन्हें हासिल है। इसमें इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के 155 सदस्य हैं। इमरान सरकार को पाकिस्तान मुस्लिम लीग-कायद (PML-Q) के 4, ग्रैंड डेमोक्रेटिक अलायंस के 3 और आवामी मुस्लिम लीग पाकिस्तान के 1 और बलूचिस्तान आवामी पार्टी (BAP) के 1 सांसद का समर्थन प्राप्त है। ये कुल मिलाकर 164 ही होते हैं, जो कि बहुमत से 8 सीट दूर है। नेशनल असेंबली में पाकिस्तान मुस्लिम लीग नवाज PML(N) 84 सीटों के साथ सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी है। इसके बाद पाकिस्तान पीपल्स पार्टी के 56 सदस्य हैं। इन 140 सीटों के अतिरिक्त विपक्षी दलों को 37 और सासंदों का समर्थन हासिल है। यानी विपक्षी दलों के पास बहुमत से अधिक सीटें हैं। ऐसे में जल्द ही इस बात का फैसला हो जाएगा कि इमरान सरकार अपना कार्यकाल पूरा करेगी या उससे पहले ही गिर जाएगी। इमरान खान की पार्टी 2018 में सत्ता में आई थी और पाकिस्तान में अगला आम चुनाव अक्टूबर 2023 में होना है