जयपुर,(दिनेश शर्मा “अधिकारी”)। राजस्थान में एक बार फिर से पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट समर्थक स्वंय को ठगा हुआ महसूस कर रहे है ओर इसी वजह से पायलट समर्थकों में बिखराव का सिलसिला तेज हो गया है । पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट ने एक साल पहले की गई कथित बगावत के दौरान आलाकमान से हुए कथित वायदे को पूरा नहीं करने को लेकर एक बार फिर अपनी ही सरकार के खिलाफ बगावती तेवर दिखाये । इसके साथ ही पायलट समर्थकों ने हवा में बयानबाजी शुरू कर गहलोत सरकार को घेरने का असफल प्रयास किया। सचिन पायलट गुट के विधायक वेद सोंलकी ने इस गुट की ओर से मोर्चा संभाला और विधायकों के फोन टेपिंग के आरोप अपनी ही सरकार पर ठोक दिये । लेकिन यह हवाई हमले ज्यादा समय तक टिक नहीं सके और ओैधे मुंह आकर गिर गये जब तेजतर्रार मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास और विधान सभा में सरकारी मुख्य सचेतक महेश जोशी ने जवाबी हमले कर उन विधायकों के नाम सार्वजनिक करने को चुनौती दी जिनके फोनटेप करवाये गये ।

विधायक सोंलकी इस बार पूरी तरह से घिर गये । सोंलकी ने तो स्वंय के फोन टेप होने से इंकार कर दिया साथ ही जिन विधायकों के फोन टेप किये उनके नाम बताने में विफल रहे ।यह कदम फेल होता इसके बाद बसपा कांग्रेस में शामिल हुए विधायक राजेन्द्र गुढा का बयान सामने आ गया । गुढा का बयान आने के साथ ही पायलट गुट के चर्चित प्रमुख विधायक भंवर लाल शर्मा ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत में आस्था व्यक्त करते हुए कहा अशोक गहलोत मेरे नेता है ।पार्टी उच्च कमान से दिल्ली मिलने गये सचिन पायलट भी खाली हाथ लौट रहे है । आज सुबह तक सचिन पायलट कांग्रेस आलाकमान के वरिष्ठ सदस्य से मुलाकात नही कर सके । प्रदेश में जिस ढंग से पायलट ग्रुप को लेकर नाराजगी देखने को मिल रही है ऐसे में आने वाले समय में पायलट गुट के ओर विकेट गिरने की संभावना है ।एक साल पहले जिन विधायकों के नाम सचिन पायलट के साथ जोडे जा रहे थे उनमें से अधिकतर ने इस बार दूरी बना रखी है ।इसमें पूर्व मंत्री विश्ववेन्द्र सिंह , भंवर लाल शर्मा सहित पांच अन्य विधायक है ।