– पूर्व केन्द्रीय मंत्री ने राजस्थान के पंचायती चुनावों में झौंकी थी अपनी पूरी ताकत
– चौधरी ने टिकटों के लिए जिताऊ उम्मीदवारों के चयन से लेकर चुनाव प्रचार में दिखाया अपना राजनैतिक कौशल
पाली/जोधपुर/नई दिल्ली
देश के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी की अपेक्षाओं के अनुरूप जनता के बीच एक सच्चे जनसेवक के रूप में अपनी साफ-सुथरी छवि,सघन जनसम्पर्क और कार्यकर्ताओं के बीच लगातार सक्रियता,सहयोग एवं समन्वय के समिश्रण से पाली सासंद और पूर्व केन्द्रीय मंत्री पीपी चौधरी ने एक बार फिर पाली जिले को भाजपा का अभेद्य गढ़ साबित कर दिखाया है।
हाल ही हुए पंचायतीराज चुनावों में भाजपा को पाली जिलें में अभूतपूर्व सफलता मिली है। इसके पीछे सांसद पी पी चौधरी की कड़ी मेहनत की छाप स्पष्ट दिखाई पड़ती है। जिला परिषद् की 33 सीटों में से 30 सीटों और पंचायत समिति की 10 में से 9 सीटों पर भाजपा उम्मीदवारों की विजय,
इस जीत में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका का परिचायक है।
पश्चिमी राजस्थान का पाली जिला यानि भाजपा का गढ़, पाली जिला पिछले कई दशकों से यह साबित करता आया है । पिछलें विधानसभा और लोकसभा चुनावों में भी पाली जिले में भाजपा प्रत्याशियों को अच्छी-खासी जीत मिली थी। लोकसभा चुनावों में कांग्रेस की बुरी तरह हुई हार के बाद प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत विधानसभा चुनावों के दौरान पाली जिले में भाजपा के इस अभेद्य किलें में सेंध लगाना चाहतें थे लेकिन सांसद पी पी चौधरी की सजगता,भाजपा कार्यकर्ताओं की जागरूकता और संगठन की मज़बूती के कारण उनके यह प्रयास कामयाब नहीं हो सकें। उन्होंने राज्य के मुख्य सचिव और राजस्थान लोक सेवा आयोग में सदस्य के रूप में पाली जिले के बाशिंदों को महत्वपूर्ण नियुक्ति दे कर पंचायत चुनावों में कांग्रेस की नैया पार लगवाने का दाँव भी खेला। साथ ही अपने मंत्रीमण्डल में शामिल अल्पसंख्यक मंत्री सालेह मोहम्मद को पाली जिले का प्रभार देकर अल्पसंख्यकों को भी रूझाने का पूरा प्रयास भी किया, लेकिन पाली जिले के पंचायती राज चुनाव परिणामों ने एक बार फिर से कमल खिलाकर गहलोत की रणनीति पर पानी फेर दिया।
पी पी चौधरी की एक ईमानदार जननेता और भरोसेमंद जनप्रतिनिधि की छवि, जनता और पार्टी में अनवरत सक्रियता और जनप्रतिनिधियों व कार्यकर्ताओं को साथ में लेकर की गई मेहनत ने पाली जिले में भाजपा के लिए अभूतपूर्व चुनाव परिणाम लाकर दिखाएं है।
– चौधरी शुरू से ही रहें मुख्य भूमिका में
सांसद चौधरी ने पाली में टिकटों के सही बँटवारे और जिताऊ उम्मीदवारों को चुनाव मैदान में उतार कर महत्वपूर्ण भूमिका निभाई । केन्द्र में प्रधानमंत्री श्री मोदी के भरोसेमंद पी पी चौधरी ने पंचायती राज चुनावों में पारदर्शिता का परिचय दिया और अच्छी छवि वाले उम्मीदवारों को चुनाव मैदान में उतारा जिससे कतिपय लोगों ने उनका विरोध भी किया । लेकिन इसकी परवाह नहीं की। अब जिस तरह से जिला परिषद् की 33 सीटों में से 30 सीटों और पंचायत समिति की 10 में से 9 सीटों पर भाजपा उम्मीदवारों की विजय हुयी है उसने उनकी अभेद्य कारगर रणनीति को साबित कर दिया है । उन्होंने पाली जिले के सभी विधायकों, पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं की लगातार रायशुमारी और स्थानीय ग्रामीणों के बीच उम्मीदवारों की छवि का गहन अध्ययन कर चुनाव प्रभारी बाबूसिंह राठौड व जिलाध्यक्ष मंशाराम परमार के साथ मिलकर संभावित उम्मीदवारों की सूचियां तैयार की थी । भाजपा के प्रदेश नेतृत्व ने भी सांसद चौधरी के उम्मीदवारों की सूची को वरीयता दी ।
चुनाव प्रचार में झौंकी ताकत
जिताऊँ उम्मीदवारों के टिकट बंटवारे के बाद सांसद चौधरी रूके नहीं बल्कि कोरोना संक्रमण के सम्भावित ख़तरों के बावजूद सरकार द्वारा निर्देशित सभी उपायों की पालना करते हुए जिला परिषद् सदस्यों और पंचायत समिति सदस्यों के चुनाव प्रचार में अपने आपको पूरी तरह झौंक दिया। दिन रात लगातार क्षेत्र में प्रत्याशियों के समर्थन में सैंकड़ों बैठकें ली। पाली जिले की सभी पंचायत समितियों पाली, मारवाड़ जंक्शन, रोहट, देसूरी, रायपुर, रानी, बाली, सोजत, जैतारण और समेरपुर में जिला परिषद् व पंचायत समिति सदस्यों के रूप में खड़े भाजपा प्रत्याशियों के समर्थन में गांव -गाँव में सघन जनसंपर्क कर भाजपा उम्मीदवारों को अधिक से अधिक वोटों से विजयी बनाने की जनता से अपील की।
सांसद पी पी चौधरी ने गांव-गांव, ढाणी-ढाणी में अपने सांसद काल में लगवाई गई सौलर लाइटों, महिलाओं के लिए अपने संसदीय वेतन से बीमा करवाने के कार्य (जिसकी सराहना कई बार स्वयं प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी सार्वजनिक सभाओं में कर चुके है) और जनहित में सांसद निधि से करवाए गए कई कार्यों आदि की बदौलत चुनावों में अपनी पार्टी को यह जीत दिलवाई है।ग्रामीणों के बीच एक ईमानदार जनसेवक के रूप में अपनी साफ-सुथरी छवि और काबिल प्रत्याशियों को विजय दिलाने की अपील के कारण इन चुनावों में भाजपा को महत्वपूर्ण विजय मिली है। इसमें चौधरी की भूमिका और कारगर रणनीति सफल साबित हुई है ।
अपनी सभाओं में चौधरी ने कई बार राजस्थान की कांग्रेस सरकार द्वारा राजनीतिक द्वेष वश पाली जिले के विकास कार्यों में अनदेखी पर अपनी पीड़ा जाहिर की गई । सांसद ने अपने करीब एक माह के जनसंपर्क अभियान में अनेक गांवों का दिन-रात दौरा कर ग्रामीणों को संबोधित किया और प्रधानमंत्री मोदी जी द्वारा ग्रामीण विकास की योजनाओं और देश हित में किए गए फैसलों पर ध्यान आकर्षित करते हुए मतदाताओं से भाजपा प्रत्याशियों के पक्ष में अधिक से अधिक मतदान की अपील की। पाली जिले के जिस तरह से परिणाम आए है, उसे देख लगता है कि सांसद ने टिकट बंटवारे से लेकर चुनावी प्रचार में अपनी ज़बर्दस्त सक्रियता से स्थानीय कांग्रेस संगठन को एक बार फिर से हार का स्वाद चखाया है।
यह विजय पाली लोकसभा सांसद और पूर्व केन्द्रीय मंत्री,किसानों के हमदर्द तथा आम आदमी के मसीहा पी.पी. चौधरी की दूरदृष्टि, साफ छवि, कठोर परिश्रम का ही परिणाम है, यह कहना कोई अतिश्योक्ति नहीं होगा।