UP:पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे पर यात्रियों के लिए क्या सुविधाएं, टोल कितना और कब से? बड़े सवालों के जवाब
₹22,497 करोड़ की लागत और 341 KM लंबा है
पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे पर जनता को क्या सुविधाएं मिलेंगी, यह एक बड़ा सवाल है. क्या पेट्रोल पंप और सीएनजी पंप होंगे? इसके लिए UPEIDA ने मुकम्मल इंतजाम किए हैं. ऐसे में लोगों को बिल्कुल भी परेशान होने की जरूरत नहीं है. 341 किलोमीटर लंबे एक्सप्रेसवे पर आपको कई सुविधाएं मिलेंग
Purvanchal Expressway लखनऊ Update:प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) आज पूर्वांचल एक्सप्रेसवे की सौगात देने जा रहे हैं. एक्सप्रेस-वे 341 किलोमीटर लंबा है. इस एक्सप्रेस-वे से गाजीपुर, बलिया और आजमगढ़ समेत आसपास के जिलों को काफी सुविधा मिलेगी. पूर्वांचल के कई जिलों में आना-जाना आसान होने के साथ अब समय भी बचेगा।
एक्सप्रेस-वे पर सफर करने वालों को फिलहाल टोल टैक्स नहीं देना होगा. 9 जिलों को जोड़ने वाले इस एक्सप्रेस-वे से गाजीपुर से दिल्ली पहुंचने में महज 10 घंटे लगेंगे. साथ ही राजधानी से पूर्वांचल के आखिरी छोर तक सीधी कनेक्टिविटी हो जाएगी.
इसके अलावा यूपी के साथ बिहार का भी रास्ता आसान होगा. प्रदेश की राजधानी से तो सीधा जुड़ाव होगा ही. वहीं आगरा-लखनऊ और यमुना एक्सप्रेसवे से दिल्ली पहुंचना भी बहुत आसान हो जाएगा.
– दिनांक: 16 नवंबर, 2021
-समय: अपराह्न 01:30 बजे
– फिलहाल नहीं देना होगा टोल टैक्स
एक अनुमान के मुताबिक, 340 किलोमीटर के पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे का सफर तय करने में करीब 4 घंटे का वक्त लगेगा. इस एक्सप्रेस-वे से सरकार को टोल से 202 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त होगा. फिलहाल लोगों को टोल टैक्स नहीं देना पड़ेगा. यानी अभी कुछ दिन यह सफर मुफ्त रहेगा.
दरअसल, ये टोल टैक्स वसूलने का काम निजी कंपनी को दिया जाएगा. यह कंपनी जल्द प्रति किमी के हिसाब से टोल की दरें तय करेगी और इसके बाद टोल बूथ पर टोल लगेगा. माना जा रहा है कि इसकी दरें लखनऊ आगरा एक्सप्रेस-वे की दरों के आसपास ही रखी जाएंगी.
– इन शहरों से निकलेगा एक्सप्रेस-वे
ये एक्सप्रेस-वे लखनऊ, बाराबंकी, अमेठी, अयोध्या, सुल्तानपुर, अम्बेडकरनगर, आजमगढ़, मऊ तथा गाजीपुर से होकर निकलेगा. सरकार का दावा है कि यह एक्सप्रेस-वे न सिर्फ उद्योग धंधों का मार्ग प्रशस्त करेगा, बल्कि स्थानीय लोगों को बड़ी संख्या में रोजगार भी उपलब्ध कराएगा.
पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे को गाजीपुर से बिहार को जोड़ने के प्रस्ताव पर भी काम चल रहा है. पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे लखनऊ-सुल्तानपुर रोड पर स्थित ग्राम चांद सराय (लखनऊ) से शुरू होकर यूपी-बिहार सीमा से 18 किमी पूर्व राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-31 पर स्थित ग्राम हैदरिया पर खत्म होगा. वर्तमान में एक्सप्रेस-वे छह लेन चौड़ा है. एक्सप्रेस-वे के एक ओर 3.75 मीटर चौड़ी सर्विस लेन भी बनाई गई है.
– 2019 में ही पूरा होना था काम
14 जुलाई, 2018 को PM नरेंद्र मोदी ने आजमगढ़ में पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे की आधारशिला रखी थी. इसको 2019 में ही पूरा होना था, लेकिन कोरोना महामारी का असर इस मेगा प्रोजक्ट पर भी पड़ा और काम में देरी हुई. पूर्वांचल एक्सप्रेसवे का कुल परियोजना मूल्य 22,494 करोड़ रुपये है, जिसमें भूमि अधिग्रहण की लागत भी शामिल है.
– पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे की रफ्तार प्रदेश के विकास का बनेगी आधार
वाहनों मेें ईधन भरने हेतु एक्सप्रेसवे के 08 स्थानों पर फ्यूल पम्प स्थापित किये जा रहे है तथा 04 स्थानों पर सी.एन.जी. स्टेशन स्थापित किया जाना प्रस्तावित है..
– पूर्वांचल_एक्सप्रेसवे के अंतर्गत कुल 18 फ्लाईओवर, 07 रेलवे ओवर ब्रिज, 07 दीर्घ सेतु, 104 लघु सेतु, 13 इंटरचेंज, 05 रैम्प प्लाजा, 271 अंडरपासेज तथा 525 पुलियों का निर्माण कराया गया है..
– UPIDA ने किए हैं ये इंतजाम
Uttar Pradesh Expressways Industrial Development Authority (UPEIDA) के हवाले से जो जानकारी आई है, उसके अनुसार वाहनों में ईधन भरवाने के लिए एक्सप्रेस-वे पर 8 जगहों पर फ्यूल पम्प स्थापित किये जा रहे हैं. वहीं 4 स्थानों पर सीएनजी स्टेशन स्थापित किया जाना प्रस्तावित है. इसके अलावा एक्सप्रेस-वे पर 18 फ्लाईओवर, 7 रेलवे ओवर ब्रिज, 7 दीर्घ सेतु, 104 लघु सेतु, 13 इंटरचेंज, 05 रैम्प प्लाजा, 271 अंडरपासेज और 525 पुलियों का निर्माण कराया गया है.
– पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे से जुड़ी खास बातें
– गाजीपुर से दिल्ली पहुंचने में 10 घंटे लगेंगे
– राजधानी से पूर्वांचल के आखिरी छोर तक सीधी कनेक्टिविटी हो जाएगी
– पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे से खेती-किसानी के लिए कारोबार के नए रास्ते खुलेंगे*
– सब्जी और दुग्ध व्यवसाय को एक्सप्रेस वे से फायदा होगा
– गाजीपुर से बिहार को जोड़ने के प्रस्ताव पर भी काम चल रहा है
– फिलहाल लोगों को टोल टैक्स नहीं देना पड़ेगा
– वाहनों की गति सीमा 100 किमी प्रति घंटा निर्धारित की गई है
– यूपी चुनाव से पहले पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे
अयोध्या से शुरू हुआ चुनावी दांव अब पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे तक पहुंच गया है. यही वजह है कि पूर्वांचल की सियासी बिसात पर अभी से गोटियां बिछने लगी हैं. 20 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ कुशीनगर इंटरनेशनल एयरपोर्ट की सौगात देकर विकास के नाम पर पूर्वांचल की सियासी चौसर पर मजबूत पासा फेंका था. अब 16 नवंबर को पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे इसी कड़ी में दूसरा बड़ा दांव माना जा रहा है.
दरअसल, तमाम पार्टियां अपने सियासी पैंतरे से पूर्वांचल को साधने की जुगत में हैं, लेकिन पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के दांव से बीजेपी विरोधियों पर 21 पड़ सकती है. 2022 का चुनावी मुद्दा क्या होगा ये उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल ने लगभ सेट कर दिया है. साफ है यूपी के सियासी दरबार की राह ही पूर्वांचल से होकर जाती है और उसी राह पर अब बीजेपी एक्सप्रेस वे की रफ्तार पकड़ना चाहती है.