

– चौथ वसूली का. खेल यानलहॉस्पिटल का गोरखधंधा साधी चुप्पी
— हॉस्पिटल संचालक ने पत्रकार के साथ मारपीट कर थाने में दर्ज कराया मुकदमा
आगरा।आगरा विगत दिनो एक पत्रकार साथी पर एक हॉस्पिटल संचालक द्वारा थाना कमला नगर मे दर्ज कराये गये चौथ वसूली के मामले से आक्रोशित पत्रकार साथियो द्वारा पीड़ित पत्रकार को लेकर एडीजी पुलिस आगरा से मुलाकात कर निष्पक्ष जांच कराते हुए पुलिसिया कार्य शैली पर प्रश्न चिन्ह लगाते हुए दोषियो पर कार्यवाही करने की मांग की गई थी। मगर एक दिन बाद ही बंद कमरे मे महापौर की मध्यस्थता के चलते हॉस्पिटल संचालक और पीड़ित पत्रकार का आपस मे समझौता हो गया।बड़े गर्म जोशी से हुई शुरुआत पत्रकार उत्पीड़न कहानी की उठती आवाज का एक दिन बाद ही बंद कमरे मे नाटकीय अंदाज मे पटाक्षेप हो गया-!


पहले तो यही पर प्रश्न उठता है कि आखिर पुलिस ने आनन-फानन मे एक पत्रकार के ऊपर बिना जांच-पड़ताल किये किन परिस्थितियो मे मुकद्दमा दर्ज किया ? क्या गठबंधन रहा हॉस्पिटल संचालक और थाना कमला नगर पुलिस का-? वही दूसरा सवाल यह भी उठता है कि ऐसे गंभीर मामले का समझौता एक बंद कमरे मे शहर के महापौर की मध्यस्थता के चलते पीड़ित पत्रकार और हास्पिटल संचालक मे किन परिस्थितियो मे कराया गया और क्यों-? यह अपने आप मे गंभीर चिंतन का विषय तो है ही साथ ही अपार दर्शिता के चलते इस प्रकरण मे संघर्ष रत रहे पत्रकारो को व्यथित करने वाला तो है ही साथ ही साथ इस समझौते पर सवालिया निशान लगाने वाला भी है-?


आखिर क्या है महापौर हास्पिटल संचालक और पीड़ित पत्रकार का गठबंधन -? साथियो आज नही तो कल सच सामने अवश्य आएगा।
बहुत ही मशहूर शायर ने लिखा है और फिल्माया गया भी है—-
लाख छुपाओ छुप न सकेगा-राज हो कितना गहरा,दिल की बात बता देता है-असली-नकली चेहरा-!
