बीकानेर , (ओम दैया ) । नोखा तहसील के मूलवास गांव के ब्रह्मलीन संत दुलाराम कुलरिया के पुत्र पुनम कुलरिया ऐसे कुलीन व्यक्तित्व के स्वामी हैं जिन्होंने अपने आप को न केवल व्यवसायिक प्रतिबद्धताओं का सिरमौर बनाया है अपितु धार्मिक निष्ठाओं को भी शालीन आयाम दिए है। नोखा क्षेत्र की उर्वर मरूधरा के अनमोल रतन के रूप में अपने आप को मुम्बई में स्थापित करते हुए न केवल समूचे देश में बल्कि सीमाओं के पार भी अपनी व्यवसायिक महक को पसराया है। कर्मठ, कर्तव्यनिष्ठ, धर्म परायण और संजीदा सरल इंसान के रूप में पूनम कुलरिया ने जिस कदर अपनी सफलताओं का सफर पूर्ण किया है वह स्वयं निर्मित पुरूषों की एक अनोखी सगाई है। भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मैक इन इंडिया का सपना ऐसे ही उद्यमी साकार कर रहे हैं। उन्हें 2014 में देश की राजधानी दिल्ली में केन्द्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने इनकी व्यायसायिक उत्कृष्टता के चलते उदय अवार्ड से सम्मानित किया था। प्रतिवर्ष अपने जन्मदिन पर स्वयं से अधिक दूसरों का ख्याल रखने वाले पूनम कुलरिया की मान्यता है कि इस प्राणी जगत में गाय वात्सल्य और करूणा की प्रतिमूर्ति है। पूरी सृष्टि में गाय से बढक़र कोई पूजनीय नहीं है। गाय में सभी देवताओं का निवास माना गया है। गो माता का आदर-सम्मान और सेवा करना हम सब का फर्ज है। शास्त्रों में गाय को माता का दर्जा मिला है। इसे पशु नहीं माना जाता। ‘तिलम् न धान्यम् पशुव: न गाव:’ अर्थात तिल धान्य नहीं है और गाय पशु नहीं है। गायों में घास-चारे की व्यवस्था में जहां जितनी जरूरत महसूस करते हैं, आप बिना मांगे दे देते हैं। राजस्थान की विभिन्न गोशालाओं को समय-समय पर आपका संबल मिलता है। गो वंश के प्रति हमेशा उदार व करूणा का भाव रखने वाले पूनम कुलरिया ने हर साल की भांति इस बार भी अपने जन्मदिन के अवसर पर प्रदेश की विभिन्न गोशालाओं में गो सेवार्थ सात लाख 51 हजार की सहयोग राशि भेंट की है। इन्होंने कल नागौर की विश्व प्रसिध्द श्री कृष्ण गोपाल गोशाला को दो लाख रुपए, कंवलीसर की गोवर्धन गोशाला को एक लाख रुपये, सतेरण गोशाला को एक लाख व बगसेऊ की गोशाला मे 75 हजार रुपये सहित अन्य कई गोशालाओं को सहायता राशि गो सेवार्थ भेंट की।