हरप्रकाश मुंजाल , अलवर ।

घुप अंधेरे में खोए व्यक्ति को यदि कोई रोशनी की फांक भी नजर आ जाए तो उसकी रहे आसान हो चलती हैं । ऐसे ही हमारी पुलिस की बदनुमा छवि के बीच कोई उजला पक्ष मिल जाये तो फिर उसका कहना ही क्या । इसी उजले पक्ष को उजागर करने में जुटे हुए हैं राजीव श्रीवास्तव । इन दिनों सोशल मीडिया पर राजीव पुलिस की सकारात्मक खबरे लिखने में लगे हुए हैं ।
राजीव ने अपनी पत्रकारिता की शुरूआत 1992 में अलवर से प्रकाशित दैनिक विचार टाइम्स से की । इसके बाद जब अलवर भास्कर का प्रकाशन शुरू हुआ तो ये भी भास्कर में चले गए । लेकिन ज्यादा दिन वहां काम कर नहीं पाए ।इन दिनों ये अलवर पुलिस की ओर से किये जा रहे सकारात्मक कार्यो को सोशल मीडिया पर उजागर करने में लगे हुए हैं । पुलिस की आमजन में बिगड़ी छवि को लेकर तत्कालीन प्रदेश के पुलिस प्रमुख श्री ज्ञान प्रकाश पिलानिया जी भी विशेष चिंता व्यक्त करते थे ।

दिसम्बर 87 या जनवरी 88 की बाते हैं, जब उन्होंने अलवर की पुलिस लाइन परेड मैदान में सुबह सुबह कड़कड़ाती ठंड में पुलिसकी छवि को लेकर लम्बा चौड़ा भाषण दिया था । उनका मानना था पुलिस की आमजन में जो छवि बनी हुई है उसे तोड़ना होगा । तब अलवर के पुलिसअधीक्षक श्री मनोज भट्ट जी थे । उन्होंन ने भी अपनी चिंता जाहिर की थी । राजीव जी ने अलवर भास्कर में सन्दीप दुबे के नेतृत्व में काम किया । राजीव बताते हैं .संदीप जी ने ही इन्हेंअलवर भास्कर में मौका दिया ।इन्हें वे घर से लेकर गए । तब इन्हें लिखना नहीं आता था लेकिन उसके बावजूद रिपोटिंग करने चल देते थे । करीब 15 वर्ष पूर्व जिले में हरसोली के पास आधी रात को एक यात्री ट्रेन पलट गई थी । तब ये रात को ही घटनास्थल पर फोटोग्राफर अशोक सोनी को साथ लेकर गए अब इनके सामने समस्या यह थी कि ये खबर लिखे तो कैसे लिखे ।ये सुबह ही संदीप जी के आकाशवाणी वाले क्वाटर पर पहुँचे ।वहाँ संदीप जी ने कहा,खबर लिखों,मैं ठीक कर दूंगा। इन्होंने संदीप को खबर लिखकर दे दी। दुबे जी ने इनका मनोबल बढ़ाने के लिए कहा,वाह!

क्या गठी हुई खबर लिखी है।और यह आज दैनिक भास्कर की हेडलाइन बनेगी।खबर कागज के पन्नों पर लिखकर शाम को ये भास्कर ऑफिस पहुंच गए लेकिन प्रूफ रीडर ने इनकी खबर में बिंदी और मात्राओं की सेकड़ो गलतियां निकल दी पर खबर तो खबर ही थी अगले दिन यह खबर हेडलाइन बनकर छपी तो इनका खुशी का ठिकाना नही रहा । तब थोड़ा इनमे आत्म विश्वास जागा । इनका एक ओर रोचक किस्सा हैं – एक बार इन्होंने खबर में लिखा कि तीन आदमियों ने दारू” पीई।” इस पर सन्दीप ने उन्हें टोंका और कहा कि कितनी दारू पीली जो पी के बाद ई लगाने की आवश्यकता पड़ गई।इस तरह इनसे तगड़ी चूक होती रही ।एक बार एक विज्ञप्ति में दुर्धटना में घायल हुए व्यक्ति पर दुःख व्यक्त किया गया था लेकिन इन्होंने खबर में लिख दिया की वह मर गया।शाम को सम्बन्धित लोग इन्हें मारने पीटने पर आमादा हो गए लेकिन उस वक्त इनकाऑफिस में मौजूद सभी पत्रकार साथियों ने साथ दिया विशेषकर प्रमोद वशिष्ठ ,लक्ष्मीनारायण और संदीप ने इनका सहयोग । इन तीनों के सहयोग से इन्होंने विज्ञप्ति वाले बंडल से उस विज्ञप्ति को निकाला और फाड़ कर बाहर नाली में फेंक दी ।इसके बाद सभी स्टाफ के सदस्य उन लोगो पर चढ़ गए जो इन्हें धमकाने आए थे।स्टाफ के सदस्यों ने कहा कि राजीव की आप लोगों से कोई दुश्मनी नहीं है तो ये ऐसा क्यों लिखेंगे । विज्ञप्ति में ही गलत लिखा होगा।सम्पादक ने विज्ञप्ति ढूंढने को कहा तब तक विज्ञप्ति ऑफिस से गायब हो चुकी थी । इन्हें सन्दीप ,लक्ष्मीनारायण ,प्रमोद वशिष्ट धर्मेंद्र अदलक्खा ,प्रमोद मलिक जी और अन्य वरिष्ठ पत्रकार साथियों ने हमेशा छोटा मानकर इनकी तमाम गलतियों को इग्नोर किया।
भास्कर के बाद इसके स्थानीय न्यूज चैनल सी टीवी एनसीआर और सिटी न्यूज में सम्पादक और राजस्थान टाइम्स में भी रिपोर्टिंग की ।इन्होंने बीएससी,पोलोटेक्निक और दिल्ली से मांस कम्युनिकेशन की डिग्री ली है। राजीव जी के उज्ववल भविष्य की हार्दिक शुभकामनाएं ।