-: 8 जून को आयोजित पावन अवसर पर

-: काव्य रचना:: मोहन लाल भन्साली
युपुरुष राष्ट्र संत श्री तुलसी को शत् शत् नमन हमारा!
मानवता के भाग्यविधाता को कोटि-कोटि नमन हमारा!
युगपुरुष राष्ट्रसंत श्री तुलसी को————- प्रज्ञा मूर्तिकार कालुगणी राज ने जीवन निर्माण किया, मातुश्री वंदना,झुमर कुल राज ने जग कल्याण किया। तेरापंथ शासक गणराज ने नैतिकता का उत्थान किया, मानव उद्धार में अणुव्रत आंदोलन का शंखनाद किया।।
युगपुरुष राष्ट्रसंत श्री तुलसी को—————
लाखों किलोमीटर पदयात्राओं का इतिहास बना दिया,
पूर्व पश्चिम उत्तर दक्षिण व्यसन मुक्ति का पैगाम दिया। भारत के नवनिर्माण में चरित्रवान का बोध पाठ दिया, संसद के गलियारों तक अणुव्रतों का संदेश दिया।।२।।
युगपुरुष राष्ट्रसंत श्री तुलसी को————–
रूढ़िवाद परंपराओं पर कुठाराघात कर झकझोर दिया, “नारी उत्थान” में ” नया मोड़ ” का नव अवदान दिया। शिक्षा,दीक्षा और सामायिक का अभिनव प्रयोग किया,
देश देशांतर जैन जीवन शैली से संस्कार निर्माण किया।
युगपुरुष राष्ट्रसंत श्री तुलसी को—————
संस्कृत,प्राकृत,राजस्थानी हिंदी भाषाओं के भाष्याकार
वाक् – पटुठा व्याख्यानमालाओं के माधुर्य व्याख्याकार ज्ञानवर्धक मर्मज्ञ, संगीत लहरों के रचयिता संगीतकार, आगम साहित्य संपदाओं का किया अविरल विस्तार।।
युगपुरुष राष्ट्रसंत श्री तुलसी को—————
महावीर अनुयाई,भिक्षु संघ में गुरु तुलसी के पथगामी,
मानवीय सेवाओं में अग्रसित बन, प्रज्ञावान शिष्यराज!
वात्सल्य मूर्त्ति – महाप्रज्ञ “महान् दार्शनिक” कहलायें,
धीर व गंभीर महाश्रमण “तीर्थंकर प्रतिनिधि”कहलायें,
साध्वी प्रमुखा तपोवन में ” मातेश्वरी ममत्व ” बरसायें,
समण व उपासक महावीर वाणी के उपदेशक कहलायें
युगपुरुष राष्ट्रसंत श्री तुलसी को————–
युगपुरुष राष्ट्रसंत श्री तुलसी को शत् शत् नमन हमारा!
मानवता के भाग्यविधाता को कोटि-कोटि नमन हमारा!