-पायलट भी सिर्फ खुशी के लालच है…..
-राजस्थान का दुर्भाग्य, मोहनलाल सुखाड़िया को छोड़कर कोई ऐसा मुख्यमंत्री नहीं मिला जो राज्य को आगे ले जाए…
ओम एक्सप्रेस- जयपुर कैप्टन मोहन लाल
राजस्थान का दुर्भाग्य है की राजस्थान को आज तक मोहनलाल सुखाड़िया को छोड़कर कोई ऐसा मुख्यमंत्री नहीं मिला जो राजस्थान को आगे ले जाए या राजस्थान की पकड़ दिल्ली में हो ले देकर के मौजूदा हालत में अल्ट्रा पार्टी में एक बार अशोक और एक बार वसुंधरा यह सिस्टम बन गया है यही रहेंगे.वाकी किसी लीडर में दम है ही नहीं पायलट ने तो बिना मतलब जो कुछ जनता का काम होना था वह तो किया नहीं.मुख्यमंत्री के लालच में 2 साल खुद भी परेशान होता रहा है. सरकार को परेशान कर दिया और जनता भी परेशान हो गई है.जनता समझ गई कि पायलट भी सिर्फ खुशी के लालच है. ग्राउंड नेता नहीं है जनता का नेता नहीं है. आज पायलट को खुशी के बजाय जो कांग्रेस के डॉक्टर जिस तरह से परेशान हो रहे है. झूठे जा रहे है बिजली का मामला हो या कोई और उनको देखभाल करना चाहिए वरना मुख्यमंत्री आप रहे गहलोत है या कोई और आने वाले समय में तो राजस्थान में कांग्रेस सुनने पर चली जाए तो कोई बड़ी बात नहीं है. आज बजट राठौड़ जी के चक्कर में जो फंसे हैं उनको समझना चाहिए कि राठौड़ एक युवा नेता है वह अपने 5 साल के बाद की तैयारी कर रहा है.अभी आपको वह सरकार गिराने का या ऐसे जो चीज करवा रहे हैं वह सिर्फ एक चाल है आम जनता को परेशान किया जा रहा है आपको लगाया जा रहा है जनता आज तरस है अशोक गहलोत और सचिन पायलट जी आपको मुख्यमंत्री की खुशी तो चाहिए के लिए आप लड़ रहे हो जनता का हाल क्या यह देखा नहीं आज बिजली के मामले में जिस तरह से आम जनता को लूटा जा रहा है उसके बावजूद भी बिजली कंपनी घाटे में है कभी यह सोचा है क्या यह बिजली के दुखी लोग आप को वोट देंगे नहीं देंगे ना देंगे ना देने देंगे कांग्रेस का आने वाले समय में तो साफ आया है मुख्यमंत्री चाहे गहलोत रहे या पायलट है या कोई और आ जाए जो भाव लोगों को दिया है वह गांव जनता चुनाव में ही पड़ेगी राजेंद्र राठौड़ बड़े चालाक और तेज नेता है वह आगे के 5 साल के बाद के अपनी राजनीति कर रहे हैं अभी पायलट को बीजेपी नहीं लेगी उनके पास पहले ही ऐसे स्वार्थी नेता बहुत है और एक स्वार्थी नेता के उनको कहां जरूरत पड़ गई बाकी कहावत है प्यासे को पानी शुद्ध नहीं तो गंदा भी पीता है इसलिए आज राजस्थान में कांग्रेस में अशोक गहलोत के अलावा हमें रेडी दिखाई नहीं देता जो कांग्रेस को चला ले राजनीति का वही आज के दिन भर है भले ही वह जनता का हित ना कर पा रहा हो लेकिन राजनीति का जादूगर है। कांग्रेस को 5 साल चलाना है तो अशोक गहलोत ही चलाएगा बाकी में दम है नहीं 3 साल के बाद में फिर वसुंधरा आएगी गोचर आएगी।