बीकानेर।डॉ. ओपी शर्मा चैरिटेबल ट्रस्ट, चूरू की ओर से नगर श्री चूरू के प्रांगण में आयोजित साहित्य समारोह में बीकानेर के प्रतिष्ठित व्यंग्य-लेखक बुलाकी शर्मा को मनुज साहित्य-सम्मान 2023 प्रदान किया गया। सम्मान स्वरूप शर्मा को सम्मान पत्र, शॉल, श्रीफल, स्मृति चिह्न एवं ग्यारह हजार रुपये अतिथियों द्वारा भेंट किये गये।
सम्मानित हुए साहित्यकार बुलाकी शर्मा ने सम्मान के प्रत्युत्तर में कहा कि साहित्य आज भी रुचिपूर्वक रचा और पढ़ा जाता है। ओ पी शर्मा चैरिटेबल ट्रस्ट जैसी संस्थाएं बिना आवेदन किए साहित्यकारों को सम्मानित करती हैं, यह इस बात का उदाहरण है कि समाज साहित्य की कद्र करता है। उन्होंने कहा कि साहित्यकार का कोई प्रतिस्पर्धी नहीं होता। उसकी प्रतिस्पर्धा तो स्वयं से ही होती है, जिसके फलस्वरूप वह उत्कृष्ट रच पाता है। निरन्तर सर्जन करना और उसका स्वयं मूल्यांकन करना साहित्यकार का धर्म होना चाहिए।
मुख्य अतिथि महाविद्यालय प्राचार्य डॉ. हेमंत कृष्ण मिश्र ने कहा कि यह सर्वमान्य तथ्य है कि साहित्य से समाज में संस्कारशीलता बढ़ती है। सम्मानित साहित्यकार बुलाकी शर्मा अपने सृजन से यह कार्य दशकों से करते आ रहे हैं।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए वरिष्ठ एडवोकेट अनन्त राम सोनी ने कहा कि साहित्यकार हमारे श्रेष्ठ नागरिक होते हैं। ये पूरे जीवन तपस्या करते हैं, जिसके फलस्वरूप एक सुन्दर देश बनता है।
ट्रस्ट सचिव कथाकार राजेंद्र शर्मा मुसाफिर ने सम्मानित साहित्यकार बुलाकी शर्मा के सृजनात्मक योगदान को रेखांकित करते हुए कहा कि वे हिंदी और राजस्थानी दोनों भाषाओं में विविध विधाओं में चार दशकों से निरंतर सृजनशील हैं और नियमित स्तंभ लेखन करते रहे हैं।
डॉ सुरेंद्र शर्मा ने ट्रस्ट की गतिविधियों की जानकारी दी। इस अवसर पर स्नेहलता शर्मा के उपन्यास ‘ दो दूनी चार ‘ का मंचस्थ अतिथियों द्वारा लोकार्पण भी किया गया।
युवा संगीतज्ञ रितेश प्रजापत ने सरस्वती वंदना और बांसुरी वादन प्रस्तुत किया। मंच संचालन प्रो. सरोज हारित ने किया।
वरिष्ठ कवि – गजलकार बनवारी खामोश, कुमार अजय, डॉ सुरेंद्र डी. सोनी, बनवारीलाल शर्मा, श्यामसुंदर शर्मा, मनमीत सोनी, विनोद मेहता, जितेन्द्र मेहता, डॉ. कमल वशिष्ठ, रवीन्द्र शर्मा, सुरेश शर्मा एडवोकेट, विजयलक्ष्मी पारीक, अनसुइया शर्मा, पुष्पा शर्मा, संजिता बनर्जी, दीपिका शर्मा, मंजु शर्मा, बाबूलाल शर्मा, विजयकान्त डॉ. रविकान्त, सोमेश शर्मा, सज्जन लाटा, आशुतोष मेहता, सहित अनेक प्रबुद्धजनों एवं साहित्यकारों की सक्रिय सहभागिता रही।