” प्री-लिटिगेशन के 34,000 और अधीनस्थ न्यायालयों के 1,23,000 प्रकरणों को चिन्हित ”

जयपुर,(दिनेश शर्मा”अधिकारी”)। राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण (रालसा) के कार्यकारी अध्यक्ष न्यायधीश संगीत लोढ़ा के निर्देश पर प्रदेश की सभी अधीनस्थ अदालतों पर 10 जुलाई द्वितीय शनिवार को “प्रथम राष्ट्रीय लोक अदालत ” का आयोजन ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों माध्यम से आमजन की सुविधा को ध्यान में रखते हुए किया जा रहा है।

रालसा के विशिष्ठ सचिव ने बताया कि इस राष्ट्रीय लोक अदालत के तहत धन वसूली प्रकरण ,उपभोक्ता मामले टेलीफोन,बिजली-पानी बिल मामले,मोटर दुर्घटना ,चैक डिसआनर , पारिवारिक विवाद, वैवाहिक और भरण पोषण मामले, घरेलू हिंसा (तलाक को छोड़कर ),श्रम एवं नियोजन सहित अन्य सिविल प्रकृति के प्रकरणों के अलावा दाण्डिक प्रकृति के शामनीय प्रकरण, लघु प्रकृति के सभी सिविल प्रकरणों को रखा गया है। इस “राष्ट्रीय लोक अदालत ” में प्री-लिटिगेशन के करीब 34,000 प्रकरण और विभिन्न अधीनस्थ न्यायालयों में लंबित 1,23,000 प्रकरणों को चिन्हित किया गया है,जिन्हें लोक अदालत के माध्यम सेआपसी समझाइश और राजीनामे के माध्यम से निस्तारित किया जाएगा।

रालसा विशिष्ट सचिव ने 5 जुलाई को जारी आदेश में

बताया पक्षकार संबंधित न्यायालय में या जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के माध्यम से अथवा स्वयं भी उपस्थित होकर ईमेल,व्हाट्सएप ,टेलीफोन के माध्यम से राजीनामे योग्य प्रकरणों को लोक अदालत में लगवाने के लिए सीधे निवेदन कर सकता है।यदि पक्षकार चाहे तो सीधे लोक अदालत में भी प्रकरण को रखवा सकता है । इस राष्ट्रीय लोक अदालत के लिए जयपुर और जोधपुर बैंच में ऑफलाइन माध्यम से लोक अदालत का आयोजन 10 जुलाई को किया जाएगा। इसके लिए जयपुर और जोधपुर पीठ में 3-3 बैंचों का गठन विशेष रूप से इस राष्ट्रीय लोक अदालत के लिए किया गया है। जिससे आमजन को बिना किसी परेशानी के कोविद-19 गाइड लाइन की पालना करते हुए आपसी समझाइश और राजीनामे के माध्यम से अधिक से अधिक प्रकरणों में सस्ता, सुलभ और निशुल्क न्याय उपलब्ध कराया जा सके। राज्य सरकार द्वारा जारी कोविड-19 गाइडलाइंस की अक्षरश: पालना करते हुए इस राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन प्रदेश भर में की सभी अधीनस्थ अदालतों में किया जाएगा।