जयपुर। फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की) की राजस्थान स्टेट काउंसिल मेम्बर्स की वर्चुअल वेबिनार में फैडरेशन ऑफ राजस्थान ट्रेड एंड इंडस्ट्री (फोर्टी) के अध्यक्ष सुरेश अग्रवाल एवं कार्यकारी अध्यक्ष अरूण अग्रवाल ने राज्य सरकार के साथ उद्योग मंत्री परसादीलाल मीणा से रीको औद्योगिक क्षेत्रों में लंबित अनेक समस्याओं का शीघ्र समाधान करके उद्योगों एवं उद्यमियों को राहत देने का आग्रह किया। इस संबंध में फोर्टी ने उद्योग मंत्री परसादीलाल मीणा को पत्र भेजकर शिघ्र समाधान करने को अवगत करवाया है।
अध्यक्ष सुरेश अग्रवाल बताया कि रीको एरिया में जिस इंडस्ट्रियल प्लाट के साथ कुछ अतिरिक्त भूमि उस प्लाट के पीछे या आस-पास है, वहां जाने का कोई रास्ता नहीं हो, वह अतिरिक्त जमीन प्रचलित रिजर्व रेट में उसी उद्यमी को अलॉट की जाए ताकि बेकार पड़ी भूमि का उपयोग होने के साथ रीको को राजस्व के साथ उद्योगों को गति मिलेगी।
फोर्टी के कार्यकारी अध्यक्ष अरूण अग्रवाल ने बताया कि रीको में छोटे-छोटे सब डिवीजन के कार्यों के लिए प्रदेश के उद्यमियों को जयपुर मुख्यालय आना पड़ता है। इससे उनका समय व रूपए बर्बाद होते हैं। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार के यूडीएच विभाग ने वेयर हाउस को इंडस्टियल लैंड का दर्जा दिया है। राजस्थान सरकार को दिल्ली सरकार की तर्ज पर रीको इंडस्ट्रियल एरिये में भी जमीन को वेयर हाउस का दर्जा देने एवं लैंड यूज को ( पेट्रोल पप, धर्मकांटा व अन्य औद्योगिक कार्यों के लिए) पहले की भांति परिवर्तित करने की स्वीकृति देने से रीको में विकास कार्यों के साथ उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा।
फोर्टी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष जगदीश सोमानी ने बताया कि लेबर वेलफेयर टैक्स जो 2009 से लागू हुआ है, उसमें इंटरेस्ट लगाने से परेशानी बढ़ी है। राज्य सरकार को कोरोनाकाल में दस हजार मीटर से उपर रीको की जमीनों पर लगाए गए टैक्स, इंटरेस्ट व पेनेल्टी को हटाने के साथ पानी की एमनेस्टी देनी चाहिए। 2008 से पहले के सब डिवाइडेड प्लाटों के लिए राज्य सरकार को क्षेत्रीय कार्यालय को अधिकृत किया जाए ताकि काम शीघ्र होने के साथ उद्यमियों को सुविधा मिल सके।