-मुकेश पूनिया-
बीकानेर। एसओजी ने सत्ता के दलालों के खिलाफ कार्यवाही की मुहिम के तहत जयपुर में दो जनों को गिरफ्त में लिया है। सियासत से जुड़े मंत्रियों,नेताओं और अफसरों से रसूखात का झांसा देकर वसूली करने वाले यह दोनों आरोपी राजवीर और योगेन्द्र शर्मा पिछले लंबे समय से प्रदेश के सत्ताई गलियारों में सक्रिय थे। एसओजी की इस कार्यवाही से सत्ता के दलाल जगत में तहलका सा मचा हुआ है। जानकारी में रहे कि एसओजी को एक परिवादी ने शिकायत की थी कि राजवीर उसे यूथ बोर्ड का चेयरमैन बनाने के लिए एक करोड़ रु. मांग रहा है। साथ में यह भी कह रहा है कि यदि कोई राज्यसभा सदस्य बनना चाहे तो सत्तर करोड़ रु. लगेंगे। इसके साथ ही राजवीर बड़े टेंडर दिलाने का दावा भी करता रहा।

एसओजी ने शिकायत का सत्यापन किया,इस दौरान आरोपी ने टोकन मनी मांगी। इस पर टीम ने तस्दीक कर राजवीर को गिरफ्तार कर लिया। राजवीर से पूछताछ के बाद योगेन्द्र को गिरफ्तार किया गया। जानकारी में रहे कि जयपुर के सत्तायी गलियारों में एक-दो नहीं बल्कि बड़ी तादाद में सत्ता के दलाल सक्रिय है जो मंत्रियों,विधायकों,नेताओं और बड़े अफसरों से अपने रसूखात बताकर सरकारी नौकरी लगाने,राजकीय विभागों में मोटी कमाई के टैंण्डर दिलाने,सरकारी कार्मिकों का ट्रांसफर और सत्ता में ऊंचे पद दिलाने के नाम पर दलाली करते है। सूत्रों ने यह भी खुलासा किया है कि सत्ता के दलाल शासन सचिवालय से लेकर सीएमओं और मंत्रियों विधायकों के आवासों के आस पास सक्रिय नजर आते है। सूत्रों से खुलासा हुआ है कि जयपुर में सत्ता के दलालों का बहुत बड़ा नेटवर्क है। फिलहाल सत्ता की दलाली से जुड़े राजवीर और योगेन्द्र शर्मा के गिरफ्त में आने के बाद एसओजी इनके नेटवर्क से जुड़े लोगों का पता लगाने में जुटी है। आंशका है कि राजवीर और योगेन्द्र से कड़ी पूछताछ के बाद राजधानी में सक्रिय सत्ता के कई नामी दलालों के नाम उजागर हो सकते है,इनमें सत्ताधारी दल से जुड़े कई नेताओ और उनके गुर्गो के अलावा मीडिया से जुड़े लोग भी शामिल है। जानकार सूत्रों के अनुसार राजधानी जयपुर ही नहीं बीकानेर में भी सत्ता के ऐसे कई दलाल सक्रिय है,जो मंत्रियों,विधायकों और शासन के उच्च पदस्थ अफसरों के नाम पर सत्ता की दलाली करते है।

हैरानी की बात तो यह है सरकारी और गैर सरकारी कार्यक्रमों में सत्ता के यह दलाल मंत्रियों और प्रभावशाली नेताओं के इर्द-गिर्द मंडराते नजर आते है,राजकीय दफ्तरों इनका लगातार आवागमन रहता है। मंत्रियों और नेताओं के नाम की धौंस दिखाकर सत्ता के यह दलाल प्रशासनिक अफसरों से नाजायज काम भी आसानी से करवा लेते है।