प्रधानमंत्री जी।आपके नेतृत्व में देश हर क्षेत्र में आगे बढ़ा है। आपके कार्य व्यवहार से लगता है देश की राजनीति में आमूल चूल बदलाव की कोशिशें चल रही है। ये भारतीय लोकतंत्र के लिए शुभ संकेत है। यह बात सही है अब से पहले भारतीय राजनीति में भ्रष्टाचार का बोलबाला रहा है। अब काफी हद तक अंकुश लगा है। राजनीति में शुद्धिकरण, भ्रष्टाचार पर अंकुश, कानून व न्याय व्यवस्था में सुधार और विकास का लक्ष्य पाने में केंद्र सरकार के प्रयासों का भारतीय लोकतंत्र में असर दिखाई पड़ रहा है। देश इसी तरह आगे बढ़ता रहे इसके लिए वर्तमान नेतृत्व को बरकरार रखने की सख्त जरूरत है। सनद रहे … प्रधानमंत्री जी! आपके कैबिनेट के मंत्रियों, गजेंद्र सिंह शेखावत, अर्जुन राम मेघवाल, प्रदेशाध्यक्ष सी पी जोशी, नारायण पंचारियां और अन्य सांसदों के भरोसे राजस्थान में भाजपा की सरकार आनी बेहद मुश्किल है। ये नेता अशोक गहलोत के चक्रव्यूह में कहीं स्टैंड नहीं कर पा रहे हैं। ये सांसद और मंत्री तो नरेंद्र मोदी की साख पर राजनीति कर रहे हैं। मोदी के नाम पर ही जीते हैं और इसी नाम से राजनीति में इनका अस्तित्व हैं। मोदी नाम का कवच हटते ही राजनीतिक केनवास से यह गायब हो जाने हैं। इनकी खुद की जनता और राजनीति में कोई बड़ी साख नहीं है। न ही पार्टी संगठन में इनकी मजबूत पकड़ है। यह कोई आलोचना नहीं है यथार्थ है। ये तो खुद विवादों के घेरे में है। आप इनके भरोसे में रहने की भूल मत करना। इनको अपनी आंख, नाक और कान मत बनाना। वास्तविकता जानने के और विकल्प अपना लेना। अभी राजस्थान में राजनीतिक विश्लेषण करें तो भाजपा बैकफुट पर है। कांग्रेस चुनावी तैयारियां, मतदाताओं तक पहुंच में आगे हैं। भाजपा अब जो आगे बढ़ रही है। कांग्रेस वो सब कुछ कर चुकी है। राजस्थान में जो राजनीतिक हालात बने है उसमें बीजेपी के समक्ष बड़ी चुनौतियां है। इन चुनौतियां से निपटने में अर्जुन राम मेघवाल, नारायण पंचारिया, सी पी जोशी, गजेंद्र सिंह शेखावत इतने सक्षम नहीं है कि इनके भरोसे राजस्थान में चुनावी दंगल जीता जा सके। बेशक ये नेता पार्टी के प्रति निष्ठावान है, परंतु जनता के बीच की राजनीतिक दक्षता की कमी है। इन पर भरोसा करना कितना फलदायक है इसका आकलन करवा लें। अगर राजस्थान में किसी कारण से भाजपा मात खा जाती है तो इसका देश में भाजपा की राजनीति पर व्यापक असर होगा। यही तो आपके विरोधी चाहते हैं। आपकी तपस्या और साधना इन लोगों के भरोसे फलीभूत नहीं हो पाएगी … सनद रहे।