– संबंधित विभाग से कार्यवाही की उम्मीद करना होगा बेमानी

-उपखंड की एसआईटी टीम सिर्फ बनाई नाम मात्र के लिए हर रोज तेज रफ्तार से जाते हैं ट्रेलर और डंपर विभाग बाल तक बांका नहीं कर सकता माफियाओ

ओम एक्सप्रेस- केकडी / सिकंदर अली पत्रकार
डॉन माफिया यह शब्द सिर्फ उन लोगों के लिए नहीं जो खून खराबा करते हो यह शब्द उन लोगों के लिए भी कहे जा सकते हैं lजोकि डॉन बंद कर क्षेत्र में अवैध धंधे करते हो बजरी का धंधा इन दिनों के क्षेत्र में इतना फल फूल रहा है,कि लोग अपनी दादागिरी के बलबूते पर इस धंधे को परवान पर चढ़ा रहे हैं l क्षेत्र में इनके खिलाफ कार्रवाई करने वाला कोई नहीं शहर से हर रोज तेज रफ्तार में सैकड़ों की संख्या में अवैध बजरी से भरे डंपर और ट्रेलर जा रहे हैं।

लेकिन विभाग के किसी अधिकारी की हिमाकत नहीं इन पर कार्रवाई करे। गुरुवार की सुबह इन माफियाओं ने एक मासूम की जान ले ली ,तेज रफ्तार में आए बजरी से भरे डंपर ने बघेरा रोड बाईपास मंडा जाने वाले रास्ते पर एक 5 साल के मासूम बच्चे को मौत के घाट उतार दिया, दुर्घटना में राम सिंह चौधरी के पुत्र राजेश का सर धड़ से अलग हो गया। और उसका धड करीब 100 से डेढ सो फीट तक डंपर से घीसता हुआ गया ।इस दर्दनाक हादसे को देखकर वहां पर मौजूद हर एक व्यक्ति की आंखें नम थी। वहां मौजूद हर व्यक्ति जिसमें बजरी माफियाओं के खिलाफ आक्रोश था। लेकिन यह आक्रोश किस काम का जब क्षेत्र के विभागीय अधिकारी ही उन पर कार्रवाई नहीं कर सकते तो बेचारी आक्रोशित जनता करे भी तो क्या करें

-क्षेत्र के प्रभावशाली लोग कर रहे हैं धड़ल्ले से अवैध बजरी खनन लेकिन विभाग की हिमाकत नहीं की कार्रवाई कर ले
एक कहावत है कि मालिक की मर्जी के बगैर इस धरती पर एक पत्ता तक नहीं हिलता और यह खबर यहां भी चरितार्थ होती है। क्षेत्र में चल रहे अवैध बजरी खनन के बारे में कौन नहीं जानता किन की आंखें मूदी है। लेकिन यहां सब कुछ जान कर भी विभागीय अधिकारी अंधे होकर अनजान बनकर बैठे हैं ।जैसे यहां पर बजरी का कारोबार चलता ही नहीं। यह तो सच है विभागीय अधिकारी और प्रशासन को सब पता है। कि कौन लोग इस धंधे में लिप्त है, लेकिन प्रशासन के अधिकारी मजबूरी की बेडियो में इस कदर बंधे हुए हैं ,कि वह उनका बाल तक बांका नहीं कर सकते। लोग चिल्लाते रहेंगे और यह खेल चलता रहेगा चाहे कितने ही मासूम की बलि क्यों ना लेनी पड़ेl
– सिर्फ ट्रैक्टर चालकों पर कार्रवाई करके विभाग कर देता है इतिश्री
इन दिनों विभाग द्वारा जितनी भी बार कार्रवाई की गई सिर्फ लपेटे में आए ट्रैक्टर चालक कई माह बीत गए लेकिन क्षेत्र में कोई डंपर या ट्रेलर प्रशासन की गिरफ्त में नहीं आए हैं। बल्कि हर रोज यहां से दर्जनों की तादाद में बजरी के डंपर और ट्रेलर बेखौफ निकलते हैं लेकिन विभागीय अधिकारियों की हिमाकत नहीं कार्रवाई कर दे।

-उपखंड में एसआईटी टीम का गठन साबित हुआ सिर्फ दिखावा*
केकड़ी उपखंड में कुछ दिनों पूर्व बजरी माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए एसआई टीम का गठन कर वाहवाही लूटी गई। उपखंड अधिकारी सुरेंद्र सिंह राजपुरोहित ने ताल ठोकते हुए कहा कि अब बजरी माफियाओं को बख्शा नहीं जाएगा। लेकिन यह एसआईटी टीम भी फ्लॉप शो साबित हुई। विभागीय अधिकारियों की बैठक के बाद दो तीन ट्रैक्टर चालकों पर कार्रवाई करने के बाद यह एसआईटी टीम भी बर्फ की सिल्ली की तरह ठंडी होकर गुमशुदा हो गई। क्या इसी तरह बेखौफ बजरी का खेल चलता रहेगाl
.-बजरी माफिया इस तरह बेखौफ हो गए कि अब तो रात का अंधेरा क्या दिन के उजाले में ही धड़ल्ले से जा रहे हैं
केकड़ी क्षेत्र के धूधरी ,उंदरी ,बाजटा ,बघेरा ,सदारा सदारी ,साबर ,क्षेत्र मैं बजरी खनन अपने चरम पर है पहले तो इतना तो खोफ था की बजरी माफिया रात के अंधेरे में गाड़ियों को निकालते थे। लेकिन अब तो इतने बेखौफ हो गए कि दिन के उजाले में ही धड़ल्ले से बजरी की गाड़ियां शहर के मुख्य चौराहों से निकलती है। और प्रशासन की कारिंदे मूकदर्शक बनकर इनको निहारते है। आखिर बजरी का यह रैकेट क्यों कैसे और किसके दम पर चल रहा है यह एक बड़ा सवाल है जिसका जवाब ढूंढने से भी नहीं मिलेगा।

– साबर और बाजटा के बाद बघेरा ग्राम भी बना बजरी माफियाओं का टर्निंग प्वाइंट
सावर,बाजटा, धुंधरी क्षेत्रों में तो बजरी खनन काफी पॉपुलर है लेकिन इन दिनों बघेरा गांव भी बजरी माफियाओं का पसंदीदा क्षेत्र बना हुआ है। पहले तो यहां सिर्फ ट्रैक्टर चालक बजरी खनन करते थे लेकिन अब तो रात्रि में बड़े-बड़े ट्रेलर और डंपर भी सरपट दौड़ते हुए दिखाई देते हैं लेकिन इस क्षेत्र में विभाग के अधिकारियों ने पैर भी नहीं रखा क्या पता बजरी माफियाओं को नया क्षेत्र जमाने के लिए विभाग ने खुली छूट दे रखी हो यह सवाल तो भविष्य के गर्भ में छिपा है। लेकिन यह सत्य है यहां भी बजरी माफियाओं के हौसले बुलंद है।