प्रस्तुति : हरप्रकाश मुंजाल, अलवर ।

“हम भी दरिया है, हमे अपना हुनर मालूम है
जिस तरफ भी चल पड़ेंगे रास्ता बन जाएगा”
राजस्थान सरकार ने इसी विश्वास के साथ अलवर जिले के सूचना एवं जनसंपर्क विभाग की बागडोर लम्बे समय से बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी श्री राजेन्द्र मीणा को सौप रखी है । सरकार की जन कल्याण कारी योजनाओं को वे आम जन तक पहुचने में कामयाब हो रहे हैं । श्री मीणा जी अब अलवर में उप निदेशक के पद पर कार्यरत हैं ।
जिला प्रशासन और पत्रकारों के बीच जनसम्पर्क विभाग एक सेतू के रूप में काम करता है । राज्यसरकार की तमाम जन कल्याण के कार्यक्रम और योजनाओं को आम जन तक पहुंचने में मीडिया का सहारा लेना पड़ता है वो चाहे प्रिंट हो या इलेक्ट्रॉनिक । लेकिन ये कार्यक्रम तभी सफल हो पाता है जब जनसम्पर्क विभाग चौकन्ना हो ।और पत्रकारों के बीच सौहार्द पूर्ण व्यवहार हो । इस जिम्मेदारी को बखूबी निभा रहे हैं श्री राजेन्द्र मीणा ।
कोरोना जैसी महामारी के दौरान पहले लोकडॉन में जिस सवेंदशीलता का परिचय दिया और प्रशासन को किसी भी विवाद में नही आने दिया ये इसका सारा श्रेय राजेन्द्र मीणा जी को दिया जाना चाहिए । वे वाक़ई काबिले तारीफ है । जिले में जब जब बड़े सरकारी कार्यक्रम होते हैं तब तब मीणा जी पत्रकारों को अपने साथ रखते हैं और उन्हें किसी तरह की परेशानी नही आने देते हैं । पत्रकारों की हर सम्भव मदद करते हैं । हालांकि कुछ साथी नाराज भी हो जाते हैं किंतु ये नारजगी दूर करने में ये किसी तरह का परहेज नही करते हैं । पत्रकरो की समस्याओं के समाधान के लिए पत्रकारों के साथ हमेशा खड़े रहते हैं । पत्रकारों के साथ मधुर व्यवहार रखने में विश्वास रखते हैं ।

श्री राजेन्द्र मीना का जन्म जिले की मुंडावर तहसील के नांगल उदिया गाँव मे हुआ । ये तीन भाई है और ये सबसे बड़े है । दूसरे नम्बर के भाई रघुवीर सिंह मीणा हैं जो पुलिस महकमे में हैं । तीसरा भाई गाव में खेती का काम सम्भालते हैं हालांकि वे भी पोस्ट ग्रेजुएट हैं लेकिन उन्होंने अपना पुश्तेनी काम खेती को ही तवज्जों दी । इनके पिता जी अमरसिंह जी कोई ज्यादा पढ़े लिखे नही थे और ना ही इनकी माता जी । लेकिन इसके बावजूद उन्होंने अपने बच्चों को उच्च शिक्षा के लिए प्रेरित किया । इनके पिता जी हार्दिक की हार्दिक तमन्ना थी की या तो उनका बेटा या पोता डॉक्टर बने । लेकिन बेटे तो डॉक्टर नही बन पाए पर पोता एक नही तीन तीन पोते मेडिकल की पढ़ाई कर रहे हैं साथ मे राजेन्द्र मीणा जी बेटी आर्युवेद चिकित्सक बन गई है । इन दिनों इंटरशिप कर रही हैं ।
इनके बड़े बेटे ने बीटेक कर अब सिविल परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं । दूसरा बेटा एमएमबीबीएस और तीन भतीजे भी एमएमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे हैं । इनका बकायदा नीट से चयन हुआ है । इन सभी को उज्ववल भविष्य के लिए हार्दिकशुभकामनाएं । मीणा जी अपने बच्चों व भतीजो को कामयाब बनाने में अपनी धर्मपत्नी श्रीमती माया देवी को सारा श्रेय देते हैं । इनकी श्रीमती जी बच्चों के साथ खूब मेहनत की तब जाकर वो सफल हो पाए हैं ।

श्री मीणा जी का जनसम्पर्क विभाग में नोकरी का सफर अगस्त 91 में सहायक जनसम्पर्क अधिकारी के रूप में शुरु होता है । पहली पोस्टिंग सिरोही जिले में हुई थी । इस विभाग में लाने का श्रेय ये भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी श्री के एल मीणा जी को देते हैं जो इनके निकट के रिश्तेदार है ।सिरोही से एक साल बाद ही अलवर में इसी पद पर आ गए । हालांकि इनका मन पुलिस की नोकरी में था पर इनके पिता जी को इस नोकरी से परहेज था इसलिये जनसम्पर्क विभाग में इन्होंने भाग्य अजमाया और सफल भी हो गए । 2003 में इनकी पदोन्नति हुई और ये जिला जनसम्पर्क अधिकारी यानी पीआरओ बन गए । पीआरओ की पहली पोस्टिंग दौसा में हुई और एक साल बाद अलवर आ गए । कुछ समय के लिए भरतपुर भी रहे । जयपुर में भी रहे । 2017 में सहायक निदेशक बने और अलवर में ही रहे। भरतपुर भी थोड़े समय के लिए गए । अब उप निदेशक के रूप में अलवर में कार्यरत हैं ।
इनके सहयोगी के रूप में श्री योगेंद्र भारद्वाज (पीआरओ)श्री मनोज बैरवा(सहायक जनसम्पर्क अधिकारी) कार्यरत हैं । समय समय पर श्याम भारती जी भी सहयोग करते हैं । आनंद इन्दोरिया, महेंद्र , महाविरंजी का भी पूर्ण सहयोग मिलता है । श्री राजेन्द्र मीणा जी स्वस्थ्य रहे, इसी तरह चुस्त दुरुस्त बने इसी कसमना के साथ ।