– पीटीआई विजेंद्र सिंह को उम्र कैद
– शुक्ला दंपति छह -छह साल की हुई सजा
बीकानेर । नोखा की जैन आर्दश कन्या शिक्षण प्रशिक्षण संस्थान में करीब सवा छह साल पहले हुए बहुचर्चित डेल्टा दुष्कर्म प्रकरण में मंगलवार को बीकानेर की पोक्सो कोर्ट ने सजा सुना दी। इस प्रकरण में दुष्कर्म के मुख्य आरोपी पीटीआई विजेन्द्र सिंह को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है ,जबकि संस्थान प्राचार्य और वार्डन प्रिया शुक्ला तथा उसके पति प्रतीक शुक्ला को छह-छह साल की सजा सुनाई गई है।
जानकारी में रहे कि इस प्रकरण में पोक्सों कोर्ट ने शनिवार को तीनों आरोपियों को दोषी करार दे दिया था। अदालत ने इस मामले में पीटीआई विजेंद्र सिंह को दुष्कर्म का मुजरिम करार देते हुए धारा 376 के तहत आजीवन कारावास की सुनाई गई है। वहीं प्रिंसिपल वार्ड प्रिया शुक्ला व उसके पति प्रतीक शुक्ला को छह-छह साल की सजा सुनाई गई है। अन्य धाराओं में भी सजा दी गई है। सभी सजाएं एक साथ चलेगी। यह केस पांच महीने छह महीने और बारह दिन की लंबी सुनवाई के बाद सजा तक पहुंचा है। इस दौरान अदालत में 34 गवाह पेश किए गए। वहीं 45 तरह के रिकार्ड पेश किए गए। केस में 85 बार पेशी हुई। परिवादी की ओर से अनवर अली सैयद और बजरंग छीपा ने पैरवी की।
संस्थान के कुण्ड में मिला था मृतका का शव
नोखा के जैन आदर्श कन्या शिक्षक प्रशिक्षण संस्थान में बीएसटीसी कर रही एक नाबालिग छात्रा के साथ दुष्कर्म किया गया था। सेकंड इयर में पढऩे वाली ये छात्रा हॉस्टल में रहती थी। उसने कॉलेज के पीटीआई विजेंद्र सिंह के रूम में सुसाइड किया था। आरोप है कि वार्डन प्रिया शुक्ला ने 28 मार्च 2016 की रात इस छात्रा को पीटीआई विजेंद्र सिंह के रूम में भेजा था। छात्रा अपने कक्ष में नहीं थी तो उसे सभी कमरों में ढूंढा गया। इस पर वो पीटीआई के कमरे में मिली। इस पर संस्थान प्रबंधन ने उससे व पीटीआई दोनों से माफीनामा लिखवा लिया था। अगले दिन सुबह 29 मार्च को हॉस्टल के पानी के कुंड में इस छात्रा का शव मिला। हालांकि इस मामले में मृतक छात्रा के परिजनों ने संस्थान मालिक ईश्वरचंद्र बैद ने नामजद कराया था। लेकिन अदालत ने बैद को दोष मुक्त करार दिया क्योंकि वो मौके पर और पूरे मामले में कहीं नहीं थे। इसलिये वार्डन, पीटीआई और प्रिंसिपल को दोषी माना था।