(चन्दन सिंह भाटी)
बाड़मेर।बाडमेर सरहदी जिले बाडमेर में कोरोना वायरस के संक्रमण की रोकथाम के लिए लॉक डाउन अवधि के दौरान जिले के प्रशासनिक अधिकारियों ने जो ज़ज़्बा और हौसला दिखाया वो लोगो के दिलो में बस गया।।बाडमेर जिले के दो आर ए एस अधिकारी रात दिन एक कर जनसेवा में जुटे है।इस दौरान इनको सिवाय कर्तव्यबोध के कुछ और नही सूझता।घर परिवार से दूर रहकर जरूरतमंद लोगों के लिए व्यवस्थाओं में जुटे है तो कोरोना संदिग्धो के लिए कवरेन्टीन व्यवस्था,प्रवासियों के लिए भोजन आवास की व्यवस्था,प्रतिदिन चेक पोस्टों की सघन जांच।।साथ ही साथ प्रशासनिक कार्यो को अंजाम देना।।आइए रूबरू करवाते है हमारे होनहार और निष्ठावान अधिकारीयो से।
मोहनदान रतनू,मुख्य कार्यकारी अधिकारी बाडमेर
कुशल प्रशासक के रूप में अपनी अलग पहचान बनाने वाले युवा आर ए एस मोहनदान रतनू मुख्य कार्यकारी जिला परिषद बाडमेर के पद पर कार्यरत है।।अपनी साफ और सहज कार्यशैली के चलते जिला कलेक्टरों के विश्वशनीय साथी बने।आपको जिले के कवरेन्टीन सेंट्रो की व्यवस्था की जिम्मेदारी ग्रामीण क्षेत्रो में दी गई थी।जिसे बखूबी निभाकर समय पर सेंट्रो में व्यवस्थाएं कर राहत प्रदान की।लॉक डाउन के दौरान ग्रामीण क्षेत्रो में जरूरतमंद परिवारों का सर्वे कर उनकी सूचियां बनाने के साथ प्रत्येक परिवार के पास फ़ूड किट पहुंचने की जिम्मेदारी बेहतर तरीके से निभाई।।रतनू 22 मार्च जनता कर्फ्यू के दिन से अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन प्रभावी तरीके से कर रहै है।
।ग्रामीण क्षेत्रो में कोई भी परिवार भूखा न रहे इसकी माकूल व्यवस्था अपनी टीम के साथ कि।।कवरेन्टीन केंद्रों और होम आइसोलेशन की प्रभावी मोनिटरिंग का ही कमाल है कि बाडमेर में कोरोना का कोई पॉजिटिव केस नहीं आया।दो केस जो आये वप बाहरी जिलो से आयात थे।।रतनू की गंभीर कार्यशैली के सभी आला अधिकारी और जन प्रतिनिधि कायल है।।लॉक डाउन के दौरान मनरेगा योजना के तहत एक ही दिन में सभी ग्राम पंचायतों में व्यक्तिगत कार्य न केबल स्वीकृत किये बल्कि उन्हें चालू करवा श्रमिक नियोजित कर राजस्थान में टॉप का दूसरे जिले के रूप में नॉमित करवाया।पहले नम्बर पर भीलवाड़ा है।।आज की तारीख में नरेगा कार्यो पर तरेपन हजार की लेबर कार्य कर रही है। इन कार्यो पर सेनेटाइजर,मास्क की व्यवस्था के साथ साथ सोसल डिस्टसिंग का पूरा ख्याल रखा जा रहा है।।बाडमेर के होनहार ,योग्यतम अधिकारी रतनू ने बताया कि कोरोना संकटकाल के समय जिला कलेक्टर और उच्च अद्धिकारियो द्वारा दी गई जिम्मेदारी को निभाने का पूरा प्रयास किया।।उनका गृह जिले जेसलमेर है घर कोड़ा गांव में है बुजुर्ग माता पिता को भी उनकी देखभाल की दरकार है मगर महज नब्बे किलोमीटर दूर अपने पैतृक गांव नही गए अपना कर्तव्य बाडमेर रहकर निभा रहे है।उनका मानना है यह चुनोती पूर्ण समय है बाडमेर की जनता के लिए।।ऐसे में अपनी जिम्मेदारियों को प्राथमिकता से निभाना राज्य धर्म है।।