_अन्नपूर्णा दूध योजना अब होगी मुख्यमंत्री बाल गोपाल योजना

_सप्ताह में दो दिन मंगलवार और शुक्रवार को मिलेगा दूध

बीकानेर ।सरकारी स्कूलों में बच्चों को अन्नपूर्णा दूध योजना से मिलने वाले दूध का नाम बदलकर अब मुख्यमंत्री बाल गोपाल योजना कर दिया गया है।

इतना ही नहीं, दूध की प्रकृति भी सरकार ने बदल दी है। पहले जहां तरल दूध यानी डेयरी का दूध खरीद कर बच्चों को दिया जाता था, वहीं अब पाउडर वाले दूध में चीनी मिला कर बच्चों को दिया जाएगा। बच्चों को स्कूलों में रोजाना की बजाय सप्ताह में दो दिन मंगलवार और शुक्रवार को ही पाउडर से बना यह दूध मिलेगा।

पहले की योजना में बच्चों को रोजाना दूध दिया जाता था। यह दूध डेयरी से खरीदा जाता था। अब इसके बजाय पाउडर से दूध बनाकर दिया जाएगा।

मिलेगा सिलेंडर और सहायक खर्च भी

मुख्यमंत्री बालगोपाल योजना में बच्चों को दिए जाने वाले दूध को गर्म करने के लिए 1500 रुपए प्रतिमाह ईंधन खर्च तथा 500 रुपए प्रतिमाह दूध को गर्म करने, बच्चों को देने तथा बर्तनों की साफ-सफाई के लिए एक सहायक को दिया जाएगा।

इसके अलावा दूध को गर्म करने के लिए भगोने, स्टील की टोंटी लगी टंकी, गिलासों आदि के लिए भी अलग से बजट दिया जाएगा। ये बजट उन्हीं स्कूलों को दिया जाएगा, जो स्कूल, मदरसे आदि इसकी मांग करेंगे। क्योंकि अधिकांश स्कूलों में अन्नपूर्णा दूध योजना के तहत पहले से ही बर्तन सामग्री उपलब्ध है। नामांकन बढ़ने या नव स्थापित स्कूलों में ये उपलब्ध कराए जाएंगे । कुछ स्कूलों द्वारा औचित्य बताए जाने पर आवश्यकतानुसार इस सामग्री के लिए भी बजट दिया जा सकेगा।

400 रुपए किलो पाउडर दूध खरीदा जाएगा डेयरी से

मिड डे मील आयुक्त द्वारा समग्र शिक्षा अभियान के अधिकारियों को डेयरी से खरीदे जाने वाले दूध का भुगतान 400 रुपए प्रति किलो (पाउडर दूध) खरीदना तय किया गया है। इस तरह प्राथमिक कक्षाओं के 66 बच्चों पर 1 किलो पाउडर दूध तथा उच्च प्राथमिक कक्षाओं के 50 बच्चों के लिए 1 किलो पाउडर दूध की जरूरत होगी।

बच्चों को देने के पूर्व चखा जाएगा दूध

मुख्यमंत्री बाल गोपाल योजना में दूध वितरण से पूर्व एक शिक्षक तथा एक विद्यालय प्रबंध समिति का सदस्य उसे चखेगा। इसका रिकार्ड भी रखा जाएगा। इसके अलावा दूध वितरण की पूरी जानकारी पेंट से विद्यालय के सार्वजनिक स्थान पर मिड डे मील के साथ लिखाई जाएगी।

15 ग्राम पाउडर दूध से बनेगा 150 एमएल दूध

मिड डे मील आयुक्त द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार कोऑपरेटिव डेयरी फेडरेशन द्वारा स्कूलों में पाउडर दूध पहुंचाया जाएगा तथा पहली से पांचवीं तक के बच्चों को 150 एमएल दूध, जो 15 ग्राम पाउडर से बनाया जाएगा प्रार्थना सभा के बाद दिया जाएगा। वहीं छठी से आठवीं तक के बच्चों को 20 ग्राम दूध पाउडर से 200 एमएल दूध बनाकर दिया जाएगा। दूध में चीनी की मात्रा भी सरकार ने निर्धारित कर दी है। 150 मिली दूध में 8.4 ग्राम चीनी तथा 200 मिली दूध में 10.2 ग्राम चीनी मिलाई जाएगी। इस हिसाब से चीनी का 45 रुपए किलो के हिसाब से भुगतान किया जाएगा

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