

बाल साहित्य के प्रकाशन से अन्य रचनात्मक प्रतिभाओं को प्रेरणा मिलेगी : दिविक रमेश
राजस्थान में नेहरु बाल साहित्य अकादमी देश में एकनई पहल : आफरीदी
जयपुर, ( ओम एक्सप्रेस ) । देश के प्रतिष्ठित प्रकाशन समूह इंडिया नेटबुक्स और अनुस्वार मंच के सौजन्य से बाल दिवस के मौके पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ऑनलाइन बाल दिवस संगोष्ठी का आयोजन किया गया जिसमें देश के अनेक राज्यों के साहित्यकारों एवं बाल रचनाकारों सहित यूके, कनाडा एवं न्यूयॉर्क, डालस, सैन होजे,टैकोमा, वॉशिंगटन डीसी आदि शहरों से लोग जुड़े।
मुख्य अतिथि वरिष्ठ व्यंग्यकार डॉ प्रेम जनमेजय ने इस अनुकरणीय पहल पर बधाई देते हुए कहा कि छोटे रचनाकारों को मौका देना बड़ी बात है। उन्होंने उम्मीदजताई संभव है इन्हीं बाल साहित्यकारों में से
किसी को आने वाले समय में साहित्य का नोबेल पुरस्कार भी मिल जाए। डॉ दिविक रमेश ने अध्यक्षता
करते हुए कहा कि बाल साहित्यकारों की रचनाओं में उनकी सोच एवं लेखन शैली परिलक्षित होना चाहिए।
अभिभावक उनको गाइड तो करें पर संशोधन के नाम पर उनकी मूल रचना से छेड़छाड़ ना करें। बच्चों को
लगना चाहिए कि उनकी ही रचना है। इन बाल साहित्यकारों की पुस्तकों में वर्तनी दोष बिल्कुल न हो।
इससे पढ़ने वाले उनके बाल साथियों पर गलत असर पड़ता है।
वरिष्ठ साहित्यकार एवं मुख्यमंत्री के विशेषाधिकारी फारूकआफरीदी ने कहाकिअल्पायु में बच्चों द्वारा इतनी सुंदर और सधी हुई रचना करना उनकी प्रतिभा का परिचायक है और प्रकाशनउससे भी बड़ी उपलब्धि है।
प्रदेश में बाल प्रतिभा और बाल साहित्य को प्रोत्साहन के लिए नेहरु बाल साहित्य अकादमी का गठन किया
गया है जो देश में एक नई पहल है। राजकीय स्कूलों में बच्चों की रचनात्मकता को निखारनेके लिएसप्ताह मेंएक दिन ‘’नो बेग डे’’रखकर साहित्य और संस्कृति पर चर्चा का नवाचार किया गया है।
डॉ संजीव कुमारके सान्निध्य मेंइस गोष्ठी में इंडिया नेटबुक्स से प्रकाशित देश-विदेश के सात बाल
साहित्यकारों पलाश शुक्ला (6 वर्ष) के काव्य संग्रह “म्यूजिंग्स”, चारवी अग्रवाल (8 वर्ष) के काव्य संग्रह
“अक्षर मेरे दिल जैसे”, हिमांक कुंद्रा (13 वर्ष) के लघु उपन्यास “अलेक्स लर्निन एंड द रिवॉल्यूशन”, नव्या
ढींगरा (13 वर्ष) के काव्य संग्रह “रिदम”, राधे धौंढियाल (11 वर्ष) के उपन्यास “द हंट फॉर द होटल घोस्ट”,तन्वी कुंद्रा (10 वर्ष) के काव्य संग्रह “मूनलाइट” और यश्वी लोढ़ा (13 वर्ष) के काव्य संग्रह “द टीनेजक्रॉनिकल्स” का लोकार्पण और उनपर चर्चा हुई। इन सभी बाल साहित्यकारों ने रचना चयन, विषय, अपनी भावी योजनाएं एवं उपन्यास का सार बताते हुए अपनी रचनाओं का पाठ किया।
वरिष्ठ साहित्यकार और इंडिया नेटबुक्स के निदेशक डॉ संजीव कुमार ने कहा कि वे बाल साहित्यकारों को
प्राथमिकता देते हुए वे आगे भी बाल साहित्यकारों के कृतित्व कोप्रकाशित करते रहेंगे। उन्होंने बताया कि
इन सात बाल साहित्यकारों में से कुछ के नाम रॉयल्टी सूची में भी शामिल हो गए हैं।हिंदी और मैथिली की
लेखिका एवं प्रसिद्ध रंगकर्मी विभा रानी एवं कवि और व्यंग्यकार डॉ लालित्य ललित ने भी विचार व्यक्त
किए ।वरिष्ठ बाल साहित्यकार डॉ प्रभा पंत के उद्बोधन गीत से वेबिनर का शुभारम्भ हुआ। युवा
साहित्यकार रणविजय राव ने सञ्चालन किया। कवयित्री, शिक्षिका एवं इंडिया नेटबुक्स की सीईओ डॉमनोरमा ने धन्यवाद दिया ।वरिष्ठ साहित्यकार डॉ स्नेहलता पाठक, दुर्गा सिंह, मेधा झा, स्नेहा देव, दिव्या माथुर, रंजना शुक्ला, शैलजा सक्सेना, दीपा, अलका सिगतिया, मंजू लोढ़ा, शुभ्रा मणि एवं अलका अग्रवाल एवं प्रभात शुक्ला सहित अन्य कई साहित्यकारों की सहभागिता रही ।
