बीकानेर। रामभक्तों पर लगा वर्षों पुराना दाग धुल गया है। सीबीआई कोर्ट ने आज बावरी विध्वंस के सभी 32 आरोपियों को आरोपों से बरी कर दिया है। लखनऊ की स्पेशल कोर्ट ने माना है कि 1992 में हुआ बाबरी मस्जिद विध्वंस पूर्व नियोजित नहीं था। वहीं अराजक तत्वों द्वारा यह कार्य किया गया। लाल कृष्ण आडवाणी, मुरलीमनोहर जोशी, कल्याण सिंह, उमा भारती, सतीश प्रधान ने कोर्ट से अनुमति प्राप्त कर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए फैसला सुना। वहीं अन्य सभी आरोपी कोर्ट पहुंचे। राममंदिर और बाबरी मस्जिद से जुड़े विवाद को लेकर उस समय आंदोलन हुए। इसी दौरान बाबरी मस्जिद का ढांचा ध्वस्त कर दिया गया था। जिसमें 32 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ। बतादे इस घटना में बीकानेर के दो युवा कोठारी बन्धुओं को घटना स्थल पर गोलियां लगी थी ।जिनकी मौत हो गई थी।