– ऊर्जा स्टेडियम की तरह ही बिहार में बीसीए का बनेगा स्टेडियम,
– खिलाड़ियों को हर संभव मिलेगी मदद,

पटना(बिहार)।विगत 17 साल के वनवास के बाद बिहार को मान्यता मिली है।नई कमेटी के गठन के बाद बिहार क्रिकेट अब पटरी पर लौटने लगी है।बीसीए अध्यक्ष राकेश तिवारी की सफल रणनीति की वजह से अभी पूरा संघ एक जुट है।दो बार एजीएम और जीबीएम में इसकी एक बानगी देखने को मिली है।इस संबंध में बीसीए के अध्यक्ष राकेश तिवारी ने बताते हैं कि नई कमेटी के गठन के बाद बिहार में क्रिकेट का एक अच्छा माहौल बन रहा है।महिलाओं का क्वाडंलर सीरीज सफलता पूर्वक कराना इसका सबसे बड़ा प्रमाण है।बिहार ने यह प्रमाणित कर दिया कि अगर मौका मिलेगा तो बिहार भी हर जिम्मेवारी बखूबी निभा सकता है।इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए भी कई काम किए जा रहे हैं।इसके लिए कमेटी का गठन कर संभावनाओं को तलाशा जा रहा है। बिहार के पांच जोन में स्टेडियम के निर्माण की दिशा में कमेटी काम कर रही है।हर जिले में कोचिंग कैंप तैयार करने की भी योजना है।गोपालगंज में 15 करोड़ की लागत से स्टेडियम निर्माण की योजना प्राथमिकता सूची में है।इसके अलावा गया,भागलपुर,जमुई और मुजफ्फरपुर से भी स्टेडियम निर्माण के लिए जमीन देने का प्रस्ताव बीसीए को प्राप्त हुआ है।

बीसीए अध्यक्ष राकेश तिवारी की पहल पर बीसीसीआई अध्यक्ष ने बिहार को गोद लिया है।यहां इंडोर स्टेडियम बनाने का प्रस्ताव है।इंफ्रास्ट्रक्चर कमेटी इसके लिए पटना में दो एकड़ जमीन तलाश रही है।बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली ने इस काम के लिए नोवा भट्टाचार्य को कन्वेनर बनाया है।ऊर्जा स्टेडियम की तरह ही बिहार में दो स्टेडियम के निर्माण का प्रस्ताव बजट में किया गया है।खेल के क्षेत्र में पारदर्शिता लाने के लिए खिलाड़ियों को रजिस्ट्रेशन कराने हेतु पोर्टल का भी शुभारंभ किया गया है। दो बार बिहार के रणजी खिलाड़ियों,कोचेच,फिजियो और ट्रेनर का सेमिनार कर इसलिए सुझाव लिया गया कि बिहार के खिलाड़ियों को कम संसाधन में अन्य प्रदेश के खिलाड़ियों के
मुकाबले कैसे खड़ा किया जाय।

बेहतर कोच,ट्रेनर और फिजियो की व्यवस्था कर खिलाड़ियों को मानसिक रूप से मजबूत किया जाएगा।बेहतर प्रशिक्षण केंद्र की व्यवस्था की जाएगी।अंत मैं तो पूरे बिहार के लोगों से आग्रह करूंगा कि साकारात्मक पहल कर पूरे देश में बिहार का इमेज बिल्ड अप करें।बिहार मजबूत होगा तभी हम और आप मजबूत होंगे।वही बीसीए प्रतिनिधि संजय सिंह का मानना है कि अब बिहार में क्रिकेट खेल को नई दशा व दिशा मिली है।उभरते खिलाड़ियों को अब पूरी तरह यहां प्रशिक्षित करने का कार्य किया जाएगा।