बीकानेर ।पुष्करणा समाज के सामूहिक पुष्करणा सावा (शादी ऑलम्पिक)2024 में समस्त पुष्करणों को जोड़ने के उधेश्य से सावा सस्कृति के लिये कार्य करने वाली संस्था रमक झमक संस्था ने रामदेवरा में ‘सावा चर्चा’ की।
रमक झमक के अध्यक्ष प्रहलाद ओझा ‘भैरु’,श्यामदेव कल्ला एवं राधे कृष्ण ने रामदेवरा में कई पुष्करणा परिवारों से सम्पर्क कर पुष्करणा समाज की सावा सस्कृति के महत्व व रमक झमक के आयोजन के बारे में अवगत कराया। रामदेवरा में पुष्करणा समाज के प्रबुद्ध लोगों द्वारा प्रहलाद ओझा ‘भैरु’ का अभिनन्दन किया गया।श्री ओझा को पुष्करणा समाज के पोतेदार अशोक चुरा,शांति लाल व्यास,मनोज छंगाणी, कंवर लाल रंगा,कमल पुरोहित, मनमोहन व्यास एवं नितेश पुष्करणा
ने चांदी पत्र पर उकेरित रामदेवजी चित्र भेंट किया तथा ओपरणा व साफा पहनाया। स्वागत कार्यक्रम में नितेश पुष्करणा ने स्वागत उद्बोधन दिया।अपने उदबोधन में नितेश पुष्करणा ने कहा कि बीकानेरी समाज ने सावा सस्कृति को जीवंत रखा है व रमक झमक ने इसको पुरजोर से जन जन तक पहुचाया है।
इस अवसर रमक झमक के अध्यक्ष प्रहलाद ओझा ‘भैरुं’ ने उपस्थित जनों को सावा से जुड़ने व रमक झमक के सावा कार्यक्रम में भाग लेने हेतु निमंत्रण दिया। इस अवसर रमक झमक अध्यक्ष ने कहा कि सावा सँवार करता है,सवाँर करने व एक दूसरे को जोड़ने वाली ऐसी परम्परा सस्कृति को संभालकर आगे की पीढ़ी को बिना मिलावट के देना ही रमक झमक का मूल उद्देश्य है।