इस युवक की रिपोर्ट पाॅजीटिव आने के बाद डाॅ. रमेश गुप्ता के नेतृत्व में चिकित्सकों की टीम इसे लेने आचार्यों के चैक पहुंची, लेकिन मरीज और उसके परिजनों द्वारा घर में ही आइसोलेट होने की मांग की। इसके बाद डाॅ. गुप्ता ने नियमों के आधार पर मरीज, परिजनों और पड़ोसियों की सहमति के आधार पर इसकी अनुमति दी।
राज्य सरकार के नए नियमों के तहत पॉजिटिव मरीजों को होम आइसोलेशन की अनुमति दी जाने लगी है, लेकिन कोविड-19 के नियमों के अनुसार इसकी नियमित जांच कौन और कैसे करेगा, यह अभी स्पष्ट नहीं है। शहरी क्षेत्र में जनसंख्या घनत्व अधिक है और यदि इस दौरान मरीज द्वारा घर के अन्य सदस्यों से दूरी नहीं रखी गई और इसने परिवार के दूसरे सदस्यों के साथ आसपास के लोगों को गिरफ्त में ले लिया तो क्या होगा, यह अभी तक स्पष्ट नहीं हुआ है। साथ ही पाॅजीटिव मरीजों के होम आइसोलेशन वाले क्षेत्र में कफ्र्यू किन मापदण्डों से लगेगा अथवा नहीं लगेगा, यह भी अब तक स्पष्ट नहीं हो पाया है।