भाजपा ने प्रशासन के सम्मुख रखी स्थिति विकट स्थिति

बीकानेर। मानसून में भारी बारिश के दौरान ऎतिहासिक जूनागढ़ की उत्तरी दीवार और खाई का अस्तित्व ही संकट में आ गया है। इतना ही नहीं, पुरानी गिन्नाणी की दशकों पुरानी पानी निकासी की समस्या भी अब इलाके के लिए जल भराव सदृश्य विकट समस्या के रूप में उभर कर सामने आ चुकी है। सूरसागर समेत इसके समाधान के लिए करोड़ों रुपये बह चुके लेकिन अब इस बड़ी आबादी क्षेत्र पर सीलन का संकट उत्पन्न हो चुका है। परिणामस्वरूप मुख्य सड़क पर आवागमन तक रोक दिया गया है। इस विकट स्थिति को भाजपा नेताओं ने संभागीय आयुक्त के समक्ष रखकर समाधान के कदम उठाने की मांग की है।
भारतीय जनता पार्टी बीकानेर शहर कार्यकर्ताओं ने गुरुवार को जिलाध्यक्ष अखिलेश प्रताप सिंह के नेतृत्व में पर्याप्त सुरक्षा, पुरानी गिन्नाणी के निवासियों की जायज समस्याओं के निवारण, सूरसागर क्षेत्र में जाम पड़े सिवरेज को तुरन्त खोलने, सूरसागर के उचित रखरखाव, अतिक्रमण हटाने के नाम पर सीढियों और चौकी-छज्जे तोड़ने, भयंकर रूप से टूटी हुई शहर की सड़कों और गड्डों को तुरंत सही करने सहित अनेक विषयों को प्रशासन के सामने रखा। कार्यकर्ताओं ने राज्य सरकार के खिलाफ नारेबाजी के साथ जबरदस्त विरोध प्रदर्शन किया और जिला परिषद कार्यालय पहुंचे। वहां संभागीय आयुक्त नीरज के पवन, जिला कलेक्टर भगवती प्रसाद कलाल, नगर निगम आयुक्त एवं अतिरिक्त जिला कलेक्टर ओमप्रकाश इत्यादि अधिकारियों से इन समस्याओं पर वार्ता की। समाधान हेतु ज्ञापन सौंपा ।
इससे पूर्व शहर भाजपा कार्यकर्ता गुरुवार को गंगा थिएटर के आगे एकत्र होकर पुरानी गिन्नाणी क्षेत्र में बारिश और सिवरेज के पानी से क्षतिग्रस्त हुई जूनागढ़ खाई की दीवार और निर्माणाधीन नयी दीवार के निर्माण कार्य का निरीक्षण करने पहुंचे। वहां कार्यकर्ताओं ने घटिया क्वालिटी के निर्माण कार्य और मौका स्थल पर कनिष्ठ अभियंता, अधीक्षण अभियंता अथवा किसी भी अधिकारी की देखरेख में सही ढंग से निर्माण कार्य नहीं होने का विरोध जताया । फिर पार्टी कार्यकर्ता एकत्र होकर जिला परिषद सभागार में चल रहे जनसुनवाई कार्यक्रम में पहुंचे।

भाजपा जिलाध्यक्ष अखिलेश प्रताप सिंह ने कहा कि जूनागढ़ की खाई में पिछले 20 दिनों से शहर के सीवरेज का गंदा पानी डाला जा रहा है जिससे कि ऐतिहासिक रियासतकालीन धरोहर जूनागढ़ को लगातार खतरा उत्पन्न हो रहा है।
सिंह ने नए नाले का निर्माण होने तक जूनागढ़ खाई की दीवार के समीप एक अस्थाई नाला बनाकर सीवरेज के पानी की निकासी के लिए उससे जोड़ने और खाई में गंदे पानी को रोकने, खाई की नई दीवार का निर्माण युद्धस्तर पर उच्च क्वालिटी और मजबूती के साथ करने, सूरसागर के पास नाले के चेम्बरों की प्रतिदिन सफाई करने और सूरसागर से आगे तक की दूरी के नालों की नियमित सफाई करवाने की मांग रखी।
प्रदेश कार्यसमिति सदस्य और पूर्व जिलाध्यक्ष डॉ. सत्यप्रकाश आचार्य ने कहा कि नगर निगम के समीप, पुरानी गिन्नाणी, पंवारसर, अगुणा चौक ,माताजी मंदिर, फर्नीचर मार्केट इत्यादि क्षेत्रों में मानसून की बारिश से सीवर लाइन पूरी तरह से जाम हो चुकी है। इसकी नियमित साफ-सफाई नहीं होने और कुप्रबंधन के कारण घरों में सीवरेज का पानी उल्टा बह कर आ रहा है तथा गली मौहल्ले सड़ांध मार रहे हैं जिसकी वजह से लगभग पांच से छह हजार पीड़ित नागरिकों का जीना दूभर हो रहा है।
जिला महामंत्री मोहन सुराणा और जिला उपाध्यक्ष गोकुल जोशी ने शहर के विभिन्न नालों की नियमित और सुव्यवस्थित सफाई करने तथा अतिक्रमण के नाम पर केवल छज्जे-चौकी-रैम्प और सीढियों को तोड़ने की बजाय यातायात में बाधक वास्तविक बड़े अतिक्रमणों को तोड़ने और नए वैकल्पिक मार्गों का निर्माण करने की मांग रखी ।जिला उपाध्यक्ष अशोक प्रजापत और युवा मोर्चा जिलाध्यक्ष वेद व्यास ने शहर की अत्यधिक क्षतिग्रस्त सड़कों, गड्ढों और खराब पड़ी लाइटों को शीघ्र दुरुस्त करने और पीबीएम अस्पताल में जलभराव की स्थिति को रोकने की मांग रखी ।

जिला प्रशासन के अधिकारियों ने भाजपा नेताओं की सभी मांगों पर सैद्धांतिक सहमति जताते हुए अति शीघ्र सकारात्मक कार्यवाही का आश्वासन दिया।गुरुवार को विरोध प्रदर्शन और वार्ता में कौशल शर्मा, प्रोमिला गौतम, किसान मोर्चा जिलाध्यक्ष श्यामसुंदर चौधरी, गंगाशहर मंडल अध्यक्ष जेठमल नाहटा, शिवबाड़ी मंडल संयोजक अभय पारीक, पार्षद किशोर आचार्य, बजरंग सोखल, संजय गुप्ता, विकास सियाग, विनोद धवल, अनूप गहलोत, माणकलाल कुमावत, पार्षद प्रतिनिधि हिमांशु शर्मा, मो. फारूख चौहान, दिलीप सिंह आडसर, पार्षद प्रत्याशी गिरिराज सिंह चारण, हेमंत कच्छावा, मोहन पूनिया, पूर्व मंडल अध्यक्ष गजेन्द्र सिंह भाटी, मोहन सिंह राठौड़, विजय कुमार शर्मा, अर्जुन पंवार, कपिल स्वामी, श्यामसुंदर, भव्यदत्त भाटी, युवराज स्वामी, सुरेश सोलंकी,जितेन्द्र सोलंकी, निर्मल, विमल पारीक इत्यादि कार्यकर्ता उपस्थित रहे ।

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