बीकानेर.लॉकडाउन में जहां सारे काम बंद थे, वहीं शहर के ह्रदय स्थल पर तेलीवाड़ा चौक स्थित रघुनाथ मंदिर जो कि शहर वासियों के आस्था का प्रतीक भी है । करीब साढ़े चार सौ साल पुराने इस मंदिर के सौनदर्यकरण का काम लॉकडाउन से पहले नवम्बर में शुरू हो चुका था, लेकिन लॉकडाउन में भी काम चालू रहा। मंदिर परिसर में करीब तीन सौ साल पुराने सुनहरी कलम के काम को बारीकी से पूरा नया किया गया है। वहीं करीब 130 साल पुराने चांदी के दरवाजे को भी नया बनाया जा रहा है। अब मंदिर में आने वाले दर्शनार्थियों को मंदिर का नयापन देखने को मिलेगा

धार्मिक संस्कृति के साथ बीकानेर की चित्रण शैली को उकेरा
पुष्करणा समाज के कलाकार रामकुमार भादाणी और कमल किशोर जोशी ने मंदिर की क्षत्र और दीवारों पर सुनहरी कलम से धार्मिक संस्कृति के साथ-साथ शहर की पौराणिक सभ्यता को भी साकार करने की कोशिश की है। दोनों कलाकारों ने बताया कि लॉकडाउन से पहले शुरू हुए काम को लोकडाउन में करीब एक माह तक बंद रखना पड़ा। मंदिर परिसर में सोने की कलाकारी के लिए करीब 250 सोने के वर्क लगाए जा चुके हैं। कलाकारों ने भगवान श्रीनाथजी, द्वारकाधीश, गणेश भगवान, राम दरबार तथा भगवान हनुमान के चित्रों को उकेरा है।
कलाकृति का नाम गोल्डन आर्ट

मंदिर में सुनहरी कलम का काम करने वाले कलाकार राम भादाणी ने बताया कि मंदिर में किया गया सौंदर्यकरण का काम उस्ताकला और मथैरण कला का समावेश है। इस कलाकृति को उन्होंने बीकानेर गोल्डन आर्ट का नाम दिया है। इसी कलाकृतियों को उन्होंने शहर के लक्ष्मीनाथ मंदिर, नृसिंह मंदिर, गढ़ गणेश, मोहता चौक स्थित पूनरासर हनुमान मंदिर, लटियाल माता, गंगाशहर स्थित रेलदादा बाड़ी, जनेश्वर मंदिर तथा आसानियों के चौक स्थित गोवर्धन मंदिर में भी सहित कई हिन्दू जैन मंदिरों में चित्रों के माध्यम से अपनी कला का

सींगी परिवार का योगदान

रघुनाथ मंदिर के सौंदर्यकरण का कार्य चेतनदास सींगी परिवार की ओर से करवाया जा रहा है। किशन लाल सींगी ओर गोपीवल्लभ बागड़ी की देखरेख में मंदिर जीर्णोद्धार कार्य चल रहा है। उन्होंने कहा कि परिजनों की प्रेरणा और आशीर्वाद से यह कार्य करवाया जा रहा है।