कविता कंवर राठौड़
बीकानेर | स्वतंत्रता सेनानी मालचंद सोनी ट्रस्ट द्वारा नवमी पुण्यतिथि पर श्रद्धासुमन अर्पित किए गए | कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए जुगराज मंडोरा ने कहा कि आजादी बड़ी मुश्किल से मिली है | आजादी प्राप्ति हेतु सभी समुदाय के लोगों ने वर्गभेद को त्यागते हुए संघर्ष किया उनमें मालचंदजी सोनी भी एक साहसिक सेनानी थे | मुख्य अतिथि संस्कृतिकर्मी राजेन्द्र जोशी ने कहा कि मालचंदजी सोनी के किए कार्यों पर एक पुस्तक का प्रकाशन होना चाहिए जिससे नई पीढी को स्वतंत्रता सेनानियों के बारे में विस्तार से जानने का अवसर मिले | विशिष्ठ अतिथि डॉ.अजय जोशी ने कहा स्वतंत्रता सेनानियों के कार्यों से युवा पीढी को सीख लेनी चाहिए | स्वर्णकार समाज के प्रेमरतन मंडोरा ने कहा कि मालचंदजी आजीविका चलाने हेतु साइकिल रिपेयरिंग का छोटा सा कार्य करते थे लेकिन देश की आजादी हेतु उन्होंने बहुत बड़ा काम किया | ट्रस्ट के सचिव व आयोजनकर्ता राजाराम स्वर्णकार ने कहा कि कोरोना सरकारी गाईड लाइन की पालना करते हुए इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया है |

स्वर्णकार ने स्वतंत्रता सेनानी मालचंदजी सोनी के समग्र व्यक्तित्व-कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए बताया कि तिहरी दासता से मुक्ति दिलाने हेतु मालचंदजी ने अपना सम्पूर्ण जीवन होम दिया | कार्यक्रम संयोजक अशफाक कादरी ने 30 जून 2012 को याद करते हुए कहा कि मालचंदजी के नमन कार्यक्रम में हिन्दुस्तान के जाने-माने कवि, पूर्व सांसद बालकवि बैरागी बीकानेर पहुंचे थे | मालचंदजी वार्ड 29 से तीन बार चुने हुए पार्षद रहे, आम आवाम की समस्याओं के निराकरण हेतु वे हर समय तैयार रहते थे | कार्यक्रम में प्रेमप्रकाश सोनी, सागरमल सोनी, गायक पवन सोनी और गौरीशंकर सोनी ने भी अपने विचार प्रकट किए | सभी के प्रति आभार प्रकट करते हुए शिव सोनी ने कहा कि मालचंदजी सोनी के नाम से मार्ग का नामांकरण हो चुका था लेकिन राजैतिक उठापटक के कारण घोषणा हुई नहीं इसके लिए प्रयास जारी है |