

_ मेयर बोली सरकार विकास के कार्यों में डाल रही है बाधा बीकानेर ( कविता कंवर राठौड़) ।बीकानेर नगर निगम में इन दिनों मचे घमासान के बाद राजीनीतिक हलकों में चर्चा का विषय बना हुआ है। महापौर व आयुक्त दोनो आमने सामने एक दूसरे पर तीर छोड़ रहे है। नगर निगम के एक कार्मिक के माध्यम से गोपाल राम बिरदा ने महापौर सुशीला कंवर राजपुरोहित को चेतवानी दी बताते है। आयुक्त ने निदेशक के नाम एक पत्र तैयार कर भिजवाया है जिसमें बैठक से पहले ही महापौर के बैठक में अनुपस्थित रहने और आयुक्त के आदेश निरस्त करने जैसे प्रकरणों का हवाला देते हुए महापौर द्वारा पदीय दायित्वों और कर्तव्यों में उदासीनता के साथ कामकाज में बाधा डालने जैसे आरोप लगाते हुए रिपोर्ट सरकार को भेजने की बात कही है। सूत्रों के अनुसार इस मुद्दे पर विपक्ष भी महापौर के पक्ष में खड़ा बताया जा रहा है।
इसके बाद महापौर सुशीला कंवर राजपुरोहित के शुक्रवार को तीखे तेवर देखने को मिले। उन्होंने एक के बाद एक कर प्रदेश की कांग्रेस सरकार पर प्रहार करते हुए कहा कि वह निलंबन की कार्रवाई से डरने वाली नहीं है। दरअसल, बीकानेर में आज निगम आयुक्त ने महापौर की इजाजत के बिना बैठक आर्हूत की थी। जिसमें भाजपा का एक भी पार्षद शामिल नहीं हुआ था। उसके बाद दोपहर को महापौर सुशीला कंवर राजपुरोहित ने प्रेस वार्ता बुलाई। प्रेस वार्ता में महापौर सुशीला कंवर राजपुरोहित ने कहा कि जब उन्होंने चार हजार पट्टों पर हस्ताक्षार ही नहीं कि तो ये पट्टें जारी कैसे हो सकते है। जबकि हकीकत ये है कि चार सौ पट्टें भी जारी नहीं किए गए। महापौर ने कहा कि वह शहर के विकास के लिए लगातार संघर्ष करती रहेंगी। प्रदेश की सरकार पर आरोप लगाते हुए महापौर ने कहा कि उन्हें काम करने नहीं दिया जा रहा है। ढाई सालों में 13 आयुक्त बदल दिए गए है। अब उनकी मर्जी के बगैर साधारण सभा बुलाई गई। जिसमें गलत तरीके से कोरम भी पूरा कर लिया गया। इसको उन्होंने लोकतांत्रिक पर कड़ा प्रहार बताते हुए कहा कि जब सब कुछ इसी तरह से होता रहेगा तो जन प्रतिनिधि की तो भूमिका ही नहीं रह जाएगी।प्रेस वार्ता में सीधे तौर पर महापौर ने प्रदेश सरकार के शिक्षा मंत्री डॉ बुलाकीदास कल्ला व उनके भतीजे महेन्द्र कल्ला का नाम लेते हुए कहा कि आयुक्त इनके दबाव व इशारों पर काम करते है। उन्होंने कहा कि निगम के कामकाज में दखल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।