बीकानेर फोटोग्राफी संघके पूर्व अध्यक्ष स्व. श्री सोहन लाल की छठी पुण्यतिथि पर श्रदांजलि सभा आयोजित - OmExpress

-भावभीनी पुष्प श्रद्धांजलि दो मिनट का रखा मौन

बीकानेर।ओम एक्सप्रेस -हर वर्ष की भांति इस बर्ष भी फोटोग्राफर एसोशियशन संघ,जिला बीकानेर के पूर्व अध्यक्ष स्व. श्री सोहन लाल पाणेचा की छठी पुण्यतिथि का आयोजन रखा गया ।जिसमें पानेचा परिवार की तरफ से बड़े भाई गणेश पानेचा ने पुष्प अर्पित किया ,संघ की कार्यकरणी व सदस्यों ओर सभी फोटो ग्राफरो ने मिलकर पुष्प अर्पित किया ओर दो मिन्ट का मौन रख कर श्रद्धांजलि दी गई ।जर्नलिस्ट फोटोग्राफर अजीज भुट्टा, ने बताया कि स्व .सोहन लाल सरल स्वभाव के व्यक्ति थे।

कार्यवाहक अध्यक्ष रामप्रताप पानेचा ने कहा कि में संघ की गरिमा को आगे बढ़ाते हुए प्रगति की ओर ले जाने की लिए सदैव प्रत्यन करुगा ।संघ प्रभारी शिवराज पंचारिया ने कहा पूर्व अध्यक्ष फोटोग्राफी जगत में आदर्श थे सन 2000 में अध्यक्ष के रूप में उनकी अहम भूमिका रही फोटोग्राफरों में एकता व फोटोग्राफी व्यसाय में कई सराहनीय कार्य किये।अंतरष्ट्रीय फोटोग्राफर दिनेश गुप्ता ने कहा अप्रत्यक्ष रूप से आज भी अध्यक्ष हमारे बीच है उन्होंने अपना सघर्ष साइकिल से शरू किया उनके सघर्ष को देखकर सभी फोटोग्राफरो को प्ररेणा लेनी चाहिए ।संघ के सचिव जगदीश सोलंकी व कोषाध्यक्ष मूलचन्द दुगड़ ने कहा कि पूर्व अध्यक्ष जी के साथ हमने 14 वर्ष कार्य किया उनके साथ कार्य किया गया सदैव यादगार रहेगा आगे भी लगातार संघ के
कार्यवाहक अध्यक्ष साथ निरन्तर सेवा देगे।

– प्रीतम सुथार ने श्री मदभागवत गीता भेंट की

मनीष पारीक अध्यक्ष फोटोग्राफर वेलफेयर सोसायटी,बीकानेर ने पूर्व अध्यक्ष को सम्मान पत्र देकर पुष्पाजंलि दी ।गौतम मॉडन ने पूर्व अध्यक्ष की प्रतिमा चित्र कार्यवाहक अध्यक्ष को भेंट किया
ओर पूर्व अध्यक्ष के पुराने साथी व युवा फोटोग्राफरों ने अपने विचार रखे जिसमे रूप जी ,मांगीलाल सुथार, कनु भाई,इंदर नांगल, सुरेश नाई सर,महेश अरोड़ा,युवा पत्रकार रवि पुगलिया,हेमन्त पानेचा,नन्दू पानेचा, मनोज बच्छ मामा ,जसकरन नाई, सुनील बच्छ,ओम पानेचा,राजेश उपाध्याय एरिन ,शक्तिभा,मुकेश,राधेश्याम,अशोक,मनीष,जीतू,विष्णु,भेरू,मोनू,शुभम,शुनिल जाजड़ा,बिटू गणेश उपाध्याय ,अनिल गहलोत,वीरेंद्र पंवार( रिकू) हिमांषु गहलोत,आर डी सेन,रवि गहलोत, गोविद मारू, राहुल पुरोहित, दाऊदयाल व्यास, सभी फोटोग्राफर ने श्रद्धाजंलि दी ।