*मुकेश पूनिया*
बीकानेर। खान एवं खनन विभाग के अफसरों की शह पर जिले में बड़े पैमाने पर हो रहे बजरी के अवैध खनन एवं परिवहन की कमान अब संगठित गिरोह ने संभाल ली है। सूत्रों की मानें तो बजरी माफियाओं नया गिरोह पुलिस के लिये नई चुनौति बन गया है। इस गिरोह ने अब बीकनेर में भी अलवर,भरतपुर और धौलपुर के बजरी माफियाओं के पैटर्न पर काम करना शुरू कर दिया है।

सत्तारूढ दल से जुड़े नेताओं का सरंक्षण होने से माफियाओं के हौंसले इस कदर बुलन्द है कि बजरी के अवैध खनन एवं परिवहन में कोई रूकावट आने पर यह खूनी वारदात को अंजाम देने से भी नहीं घबराते। पुलिस और कानून से बेखौफ बजरी माफियाआ जिले में टोल और रायल्टी नाकों से अपनी ओवरलोड़ गाडिय़ा हथियारों के दम पर पार कराते है। गु

रूवार की रात भी गजनेर हाईवे पर बजरी माफिया गिरोह से जुड़े बदमाशों ने रॉयल्टी ठेकेदार के कार्मिक जितेन्द्रसिंह पर लाठियों सरियों से हमला कर उसे घायल कर दिया और मौके पर दहशत फैलाने के लिये फायरिंग भी की।

हमलावारों में मदनलाल, ओमप्रकाश, शिवरतन, ट्रेलर चालक रामनिवास, रामचन्द्र, राजाराम शामिल थे। इतना ही बजरी माफिया जिले में टोल नाका ठेका कंपनी के एरिया मैनेजर को जानलेवा धमकी दे चुके है। सूत्रों की मानें तो बजरी माफिया जिले में अपना आंतक बढा रहे है। पुख्ता खबर है कि पुलिस प्रशासन भी यहां बजरी माफियाओं के जबरदस्त दबाव में है,इसके चलते पिछले दिनों जिला पुलिस के डिप्टी एसपी की मध्यस्थता में हुई बजरी माफियाओं और टोल नाका कंपनी के प्रतिनिधियों की मिटिंग में दबाव बना तय करवा लिया कि टोलनाकों के बजरी वाहनों की 350 रूपये से ज्यादा की पर्ची नहीं काटी जाये,वाहन चाहे ओवरलोड ही क्यों ना हों।
हालांकि शासन-प्रशासन द्वारा लगातार यह दावा किया जा रहा है कि बीकानेर मे बजरी के अवैध खनन एवं परिवहन पर लगाम लगाने के लिए लगातार कार्यवाही की जा रही है,लेकिन हकीकत में इन कार्रवाईयों का असर यहां दिखाई ही नहीं दे रहा है,खनन माफियाओं लीज पर ली खदानों से दुगुनी जमीन पर खदाने खोदकर बजरी का अवैध खनन कर रहे है,राजमार्गो पर बजरी के ओवरलोड वाहनों तादाद पिछले सीजन से दुगुनी हो गई है। ऐसे में खनिज विभाग, राजस्व, पुलिस और परिवहन विभाग की कार्यप्रणाली और दावे दोनों ही संदेह के दायरे में आ रहे हैं। उनके दावों की पोल शहर की प्रमुख सड़कों पर सज रही बजरी की अवैध मंडियां हकीकत बयां कर रही है। य

ह मंडियां अधिकारियों के कार्यालय के पास, घरों के पास और घर से कार्यालयों के रास्ते में सड़कों के किनारे सजाई जा रही हैं। लेकिन न तो अधिकारियों को इस ओर ध्यान देने की जरूरत समझी जाती है और न ही किसी प्रकार की कार्रवाई की जा रही है। जिससे शहर के बीचों बीच आधा दर्जन स्थानों में अवैध बजरी का कारोबार फल फूल रहा है। गजनेर रोड़ पर चुंकी नोके से लेकर एक किलोमीटर के दायरे में सड़क किनारे बजरी से ओवरलोड़ दर्जनों ट्रैक्टर-ट्रॉली ग्राहकों इंतजार में खडे रहते हैं,ऐसा ही आलम नोखा रोड़ और जयपुर रोड़ पर नजर आता है।