बीकानेर 08 नवम्बर 2020। जिले में कोरोना संक्रमण पर किसी भी तरह नियन्त्रण रहा है। रविवार को 434 कोरोना पॉजिटिव आने की प्राप्त हुयी है. इससे सकता है। बताया जा रहा है क़ी सरकारी निर्देशोँ के चलते चिकित्सा व स्वास्थय विभाग पुरे आंकड़े सार्वजनिक रहा है। जिसका खामियाजा जनता भुगत और कोरोना घर घर में पांव पसारता ही जा रहा है। बीकानेर के साथ-साथ अब तो ग्रामीण इलाकों से भी कोरोना रोगी लगातार बड़ी संख्या में मिल रहे है। अभी-अभी आई रिपोर्ट के अनुसार बीकानेर में 161 कोरोना पॉजिटिव आये हैं सुबह 205 कोरोना पाॅजिटिव केस सामने आए थे । बीकानेर में अब तक कुल 24657 कोरोना रोगी मिल चुके है। बीकानेर में अब तक 273 जनों की कोरोना के कारण मौत हो चुकी है। इधर सीएमएचओ बीकानेर ने बताया की आज कुल 1540 जांंचे हुई उसमें से 180 कोरोना पॉजिटिव आए हैं। जबकि वास्तविकता दुगुने ज्यादा आये हैं।

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बीकानेर में रविवार सुबह तक 280571 सैम्पलों की जांच हुई जिसमें 253642 नेगेटिव रिपोर्ट हुए तथा 26929 पाॅजिटिव केस सामने आए। पीबीएम अस्पताल में 4315 लोग भर्ती हुए। प्राप्त सूचना के अनुसार एसएआरआई में 40 कोरोना पाॅजिटिव भर्ती है जिनमें 25 ऑक्सीजन पर और 6 बाईपाप पर है। एसएसबी में 211 रोगी है जिसमें से 183 बीकानेर के, 5 नागौर, 3 हनुमानगढ़, 12 श्रीगंगानगर, 2 चूरू, 2 अजमेर, 3 हरियाणा, 1 भीलवाड़ा के रोगियों का इलाज चल रहा है। आईसीयू में 30 तथा वार्ड में 211 रोगी भर्ती है। बीकानेर में आज तक 319 लोगों की मौत हो चुकी है जिसमें 273 बीकानेर के, 11 नागौर, 9 श्रीगंगानगर 1 अजमेर, 16 चूरू, 1 हनुमानगढ़, 2 झुंझुनूं, 3 जैसलमेर, शेखावटीए पोकरण और जोधपुर के एक-एक है। अब तक कुल 3397 लोगों को छु्ट्टी दे दी गई है। कुल 142 लोग अस्थिर है।

जिला कलेक्टर अपनी पूरी ताकत के साथ कोरोना नियंत्रण करने, उपचार में कोई कोताही ना हो तथा लोगों में बचाव हेतु जागरूकता बढ़ाने के दिन रात लगे हैं। परन्तु सीएमएचओ विभाग अब कोरोना पॉजिटिव के इलाज में लगता है सक्षम नहीं है। मरीज स्वयं फोन कर रहें हैं की हमें कहां पहुंचना है तो कहतें हैं घर पर आप कोरेंटायन रहें। दवा भी फोन पर बताई जा रही है। अस्पताल व सेन्टर सभी फुल हो गए हैं, प्राइवेट अस्पतालों में भी जगह नहीं हैं। चिकित्सकों ने फोन उठाने बंद कर दिए हैं। आम अवाम परेशान है। सरकार के नुमाइन्दे प्रचार व प्रसार में लगे हुए हैं। जैसे की यह कोई मन्त्र हो जिससे कोरोना का इलाज हो जाएगा। नीम हकीम खतरे जान की स्थिति बन रही है। लोग दवा विक्रेताओं से दवाईयां ले रहें हैं या आयुर्वेद के नुक्शे से अपना इलाज कर रहें हैं। प्राइवेट अस्पताल जो कोरोना का इलाज कर रहें हैं उनके चांदी बन आयी है।

मीडिया के पास ऐसे अनेक लोगों के फोन आ रहें है की हमें पॉजिटिव आये तीन .तीन दिन हो गए विभाग की तरफ से कोई खैर खबर लेने वाले नहीं आये। कोई सूचना भी विभाग की तरफ से नहीं आयी है। लोग मानसिक रूप से और ज्यादा प्रताड़ित हो रहें हैं। कोविड सेण्टर पहुंचने वालों की कोई पूछताछ नहीं । बिस्तरों की हालत ख़राब है। चिकित्सक देखने नहीं आते, यहां तक की कोविड सेंटर पहुंचने के बाद इलाज भी तत्काल शुरू भी नहीं होता था । अब जिला कलेक्टर सक्रीय हो जाने से लोग कुछ आशान्वित हैं।