सत्तारूढ़ कांग्रेस सरकार के शासन काल के अंतिम वर्ष में नगर विकास न्यास का अध्यक्ष कोन बनेगा यह चर्चा फिर होने लगी है। प्रयासों से थक हार कर चुप बैठे नेताओं की सत्ता में आने की उत्सुकता फिर जगाने लगी है। बीकानेर नगरीय क्षेत्र के दो विधानसभा क्षेत्रों में मिलाकर दाई की संख्या में न्यास अध्यक्ष के दावेदार है। उप नगरीय क्षेत्र के प्रबल दावेदारों में दिलीप बांठिया का नाम लिया जा रहा है। बीकानेर पूर्व विधानसभा गठन के बाद से ही बीजेपी के कब्जे में रही है। इस विधानसभा से भाजपा के महावीर रांका न्यास अध्यक्ष रह चुके है। दिलीप बांठियां की इस दावेदारी की पूर्व एआईसीसी महासचिव अजय माकन ने भी बीकानेर के कांग्रेस नेताओं ने पूछताछ की थी। कांग्रेस के पूर्व विधानसभा के प्रत्याशी कन्हैया लाल झंवर, रिध्द करण सेठिया, कन्हैया लाल बोथरा, अरविंद मिढ़ा जैसे कई लोगों ने अनुशंसा भेजे रखी हैं । वही बीकानेर पश्चिम से मुस्लिम समाज के नेताओं ने जितनी दौड़ लगाई उतनी किसी अन्य दावेदार ने कोशिश नहीं की होगी। अब्दुल मजीद खोखर, मकसूद अहमद , सलीम सोढा , हारुण राठौड़ समेत अन्य अल्पसंख्यक नेता शामिल है। कालू बड़ी वाले को भी न्यास अध्यक्ष बनाने के जतन किए गए हैं। वही यश पाल गहलोत, राज कुमार किराडू समेत दर्जन भर लोग दौड़ में शामिल रहे हैं। अब तक मामला ठंडे बस्ते में मानकर चुप्पी साध रखी थी। पश्चिम विधानसभा क्षेत्र से यूआईटी चेयरमैन हर दावेदार की डा बी ड़ी कल्ला ने तो समर्थन किया है । राजस्थान में कांग्रेस पार्टी फिर सत्ता में कैसे आए यह व्यूह रचना राजस्थान से लेकर एआईसीसी तक में रची जा रही है। ऐसे में अभी शेष बचे राजनीतिक नियुक्ति के पदों पर नियुक्ति अवश्यंभावी लग रही है। निश्चित ही इससे कांग्रेस को फायदा होना है। देखते हैं ये चर्चाएं कब यर्थात में बदलती है।