– सीएम कर रहे मनुहार,मंत्री सुना रहे लोरिया
राजस्थान की सत्ता के इतिहास में ऐसा नजारा पहली बार ही देखने को मिल रहा है,जब बेबस जनता कोराना आपदा झेल रही है,टिड्डियों ने किसानों का जीना मुहाल कर रखा है। जन कल्याणकारी योजनाएं अधर झूल में लटकी है। मनमानी पर उतरे नौकरशाहों से जवाब तलबी करने वाला कोई नहीं है और इधर सत्ता का ठिकाना बनी आलिशान होटल में सीएम अपने विधायकों की मनुहार कर रहे है,मंत्री लोरिया सुनाकर उनका मन बहला रहे है। इस माहौल में अगर पीछे मुड़कर देखे तो सत्ता के शुरूआती दौर में यही विधायक अपने सीएम से मुलाकात केे लिये सीएमओं में चक्कर लगाते नजर आते थे,मंत्रियों से मिलने के लिये मुर्हुत देखकर घर से निकलते थे,कि शायद आज मंत्रीजी से भेंटवार्ता हो जाये,विधायकों के भटकाव की कहानियां मीडिया में सुर्खिया बनी रहती थी। लेकिन वक्त ने ऐसी बाजी पलटी कि अब होटल में उनकी हर मनुहार पूरी करने के लिये सीएम सॉब खुद दिनभर चक्कर लगाते है,और सत्ता के मंत्री के उन्हे एक पल भी अपनी आंखों से ओझल नहीं देते। ऐसे माहौल में सोशल मीडिया पर एक गीत अभी खूब वायरल हो रहा….समय को भरोसो कोनी कब पलटी मार जाये।लेकिन फिलहाल सब खैरियत है।

– इस बार चुक गई भगवा फौज
राजस्थान में कांग्रेसी फौज के कंमाडर सचिन पर निशाना साध कर गहलोत की सत्ता पर सॢजकल स्ट्राईक करने वाली भगवा फौज ने माहौल तो सारा मध्यप्रदेश की तर्ज पर तैयार किया था,लेकिन सत्ता के एक दलाल की चूक से मामला बिगड़ गया। मामला भी ऐसा बिगड़ा कि भगवा फौज के एक केन्द्रीय कंमाडर ऑडिया टैप के संक्रमण में फंस गये। इससे भी चौंकानें वाला मामला तो यह चर्चा में आया है कि सत्ता के जिस दलाल ने खेल बिगड़ा है,वह शुद्ध रूप कांग्रेसी जमात का भरोसेमंद ऐजेंट था और इसी के जरिये भगवा फौज खबरें लीक होकर सत्ता वालों के खेमें तक पहुंच रही थी। खैर अब तो मामला इस कदर बिगड़ गया है कि भगवा फौज के दिल्ली में बैठे कंमाडर इन चीफ का राजस्थान की कमान संभालने वालों कंमाडरों से भरोसा ही उठ गया है। यही वजह है पिछले सप्ताहभर से वह राजस्थान वाले कंमाडरों का कॉल भी रिसिव नहीं कर रहे है,लेकिन फिलहाल सब खैरियत है।

तुझ में रब दिखता है यारा मैं…!
सत्ता की मंडली को अपनी जादूगरी से काबू कर जोशिला अंदाज दिखा रहे सीएम सॉब मन ही मन में खुश तो हो रहे है,लेकिन इस बात से अभी भी बेखबर है कि मंडली में शामिल कई भरोसेमंदों को आज भी बागी सचिन में ही रब दिखता है। भरोसेमंदों की अंतरात्मा से जुड़ा यह मामला हद ज्यादा गहरा का होने के कारण सीएम सॉब को फिलहाल इसका आभास नहीं हो रहा है,लेकिन कुछ ना कुछ गड़बड़ जरूर दिख रही है,तभी उन्होने अपने खास सिपहासालारों को होटल में मौजूद भरोसेमंदों की गतिविधियों पर निगरानी के लिये मुस्तैद कर रखा है। चौकसी इस कदर बढा रखी है कि संगठन वालों को भी होटल के पास नहीं फटकने दिया जा रहा है। मतलब यह कि होटल में सत्ता का माहौल शांत भले दिख रहा हो,होटल से बाहर आते ही तुफान की आशंका ने सत्ता वालों की नींदे उड़ा रखी है,मगर फिलहाल सब खैरियत है।


– खूब गूंज रहा है ऑफर का जुमला
सत्ता की जंग में अब ऑफर का जुमला खूब गूंज रहा है,होटल वालों की मंडली में दर्जनों ऐसे चेहरे है जो अब चिल्ला चिल्ला कर कह रहे कि मुझे भी ऑफर मिला था। इनमें से कई तो अपने इष्ट देव की कसमें खाने से भी नहीं चूक रहे। कोई अपने ऑफर की किमत पैंतीस करोड़ बता रहा तो कोई पच्चीस करोड़। अब इनसे कोई पूछने वाला नहीं है कि जब ऑफर मिला था तो क्यों नहीं चिल्लाये,इसका मतलब दाल में काला है। इस मामले में बेचारी मायावती जब चिल्ला चिल्ला कर बोल रही थी कि हमारे विधायकों ऑफर देकर सत्ता में शामिल किया गया है,लेकिन उनकी किसी ने सुनवाई नहीं की। अब ऑफर का मामला सुर्खियों में आया तो मीडिया में छाने केे लिये सब के सब अपने ऑफर किस्से बंया करने में लगे है। लगातार गरमा रहे इस मामले में पर्दे के पीछे से किसी ने छांटा फेंक दिया कि सीएम के सामने अपनी पैठ बढाने के लिये सब ऑफर का जुमला आजमा रहे है,ऑफर मिलता तो कोई नहीं टिकता। मगर फिलहाल सब खैरियत है।