बेंगलोर /भारत के कर्नाटक की राजधानी बंगलौर में ( बंगलौर अंतरराष्ट्रीय एक्सहिबिशन सेंटर) में होने वाला अंतरराष्ट्रीय वर्कशॉप, एक्सहिबिशन एवं कॉन्फ्रेंस में बीकानेर से मेवा सिंह भाग लेने पहुंचे । यह कार्यक्रम कर्नाटका सरकार, नीति आयोग भारत सरकार, स्किल इंडिया, मानव संसाधन मंत्रालय भारत सरकार के माध्यम से डिडेक एसोसिएशन ऑफ इंडिया(Didac Association of india) के तत्वावधान में किया गया । यह कार्यक्रम 24सितंबर 2019 से 26 सितंबर 2019 तक चलेगा । इसमें भारत के 250 शहरों से शिक्षाविद व लगभग विश्व के 36 देशों से शिक्षाविद, डॉक्टर्स, इंजीनियर्स, मोटिवेटर्स को बुलाया गया । इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य है कि नई तकनीकों को काम में ज्यादा से ज्यादा इस तरह से लिया जाए जो दूसरे को नुकसान न पहुंचाएं । जैसे- जलवायु परिवर्तन, पर्यावरण बचाओ । विद्यार्थियों को इस तरह से तैयार करें कि वो देश के लिए हर वक्त सोचें ।इसमें प्रत्येक विभाग के बारे में जानकारी को साझा किया गया है । जैसे- चिकित्सा क्षेत्र, शिक्षा क्षेत्र, समाज में फैली हुई बुराइयों को दूर करने हेतु , पानी बचाओ, माता-पिता का सम्मान तथा किसी भी वस्तु का गलत प्रयोग न किया जाए ।
इसमें बीकानेर के मेवा सिंह ने NCERT के पाठ्यक्रम में सोशियल स्टडी में बच्चों को किस तरह की शिक्षा दें ( 5वीं से 12वीं तक) ? जोकि देश में होने वाले हर प्रकार के गलत कार्यों को रोक सकें । जैसे :- सड़क सुरक्षा, भोजन , पानी, पेड़, पर्यावरण व सरकार से मिलने वाली फ्री सुविधाओं को ठीक तरह से काम में लेना । इसके लिए मेवा सिंह ने NCERT हेतु दस पेज(10पेज) का पत्र भी प्रस्तुत किया है जिससे पाठ्यक्रम में उसको जोड़ने के लिए विचार विमर्श किया जाए ।
वैश्विक समस्या – पर्यावरण, जलवायु परिवर्तन , घटते जंगल, घटता पानी, पॉलीथिन, भोजन की समस्या, बढ़ती जनसंख्या, बीमारियां, सड़क दुर्घटना महिलाओं पर बढ़ रहे अत्याचार सोसिअल मीडिआ का गलत इस्तेमाल आदि समस्या से निपटना अकेली सरकार के बस की बात नहीं हैं । इसके लिए प्रत्येक नागरिक का बहुत बड़ा योगदान है । जब तक प्रत्येक नागरिक वैश्विक समस्याओं को उखाड़ फेंकने हेतु तैयार नही होगा तब तक इन समस्याओं का निपटान आसान नहीं होगा । किसी भी देश को विकसित करने में विद्यार्थियों का बहुत बड़ा योगदान होता है ।