चण्डीगढ़। हरियाणा सरकार ने साल की पहली कैबिनेट बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं। जिसके अंतर्गत अब अदालती कामकाज हिंदी में होगा और पेंशन वृद्धि भी 250 रुपये प्रतिमाह कर दी गई है। इसके अतिरिक्त गुमशुदा सरकारी कर्मचारी की पत्नी को आर्थिक लाभ अब छह महीने बाद से ही मिलना शुरू हो जाएगा। कैबिनेट बैठक के बाद हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने उक्त मामलों समेत अन्य निर्णयों की जानकारी बातचीत के दौरान विस्तार से दी।
नए साल में आखिरकार बुजुर्गों व अन्य पेंशन लाभार्थियों को ढाई सौ रुपये पेंशन वृद्धि का तोहफा मिल गया है। एक जनवरी (फरवरी में देय) से बुढ़ापा, बेसहारा समेत अन्य सामाजिक पेंशन 2000 रुपये से बढ़ा कर 2250 रुपये प्रतिमाह कर दी जाएगी। साथ ही कामगार मजदूरों की पेंशन में भी यही बढ़ोतरी लागू होगी।
पेंशन वृद्धि से बढ़ेगा 70 करोड़ का अतिरिक्त वित्तीय भार
हरियाणा में विभिन्न कैटेगरी के अंतर्गत करीब 28 लाख पेंशन लाभार्थी ऐसे हैं, जो इस फैसले से लाभान्वित होंगे। सीएम का दावा है कि 250 रुपये प्रति माह पेंशन वृद्धि से 70 करोड़ रुपये मासिक वित्तीय भार सरकार पर बढ़ेगा। हर महीने इन पेंशन लाभार्थियों को करीब 514 करोड़ रुपये पेंशन वितरण होता है, जोकि अब बढ़कर 584 करोड़ हो जाएगा।
दरअसल, सरकार इस पेंशन को महंगाई दर के हिसाब से बढ़ाने का विचार कर रही थी और इस लिहाज से ये बढ़ोतरी 160 रुपये बन रही थी। सीएम मनोहर लाल ने कहा कि हमने वादा तो महंगाई दर के लिहाज से पेंशन बढ़ाने का किया था मगर हमारे सहयोगी दल जजपा की मांग थी कि पेंशन थोड़ी ज्यादा बढ़नी चाहिए, इसलिए हमने इस बढ़ोतरी को 250 रुपये प्रतिमाह किया है। क्या हर साल अब पेंशन वृद्धि 250 रुपये होगी, इस सवाल पर सीएम ने कहा कि इस बारे में अब अगले साल देखा जाएगा।
इसके अलावा, प्रदेश के वे कामगार मजदूर जिन्हें सन्निर्माण एवं कामगार बोर्ड द्वारा 2500 रुपये मासिक पेंशन मिलती हैं, ऐसे लाभार्थी मजदूरों को भी अब 250 रुपये बढ़ोतरी के साथ 2750 रुपये पेंशन मिलेगी।
न्याय प्रक्रिया को अब हिंदी में समझ सकेंगे लोग
हरियाणा मंत्रिमंडल ने फैसला लिया है कि पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के अधीनस्थ हरियाणा की सभी अदालतों व ट्रिब्यूनल में अदालती कामकाज हिंदी में होगा। यहां अंग्रेजी अब वैकल्पिक भाषा के रूप में मानी जाएगी।
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में आयोजित मंत्रीमंडल की बैठक में पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के अधीनस्थ न्यायालयों व अधिकरणों में हिंदी भाषा के उपयोग के संबंध में हरियाणा राजभाषा अधिनियम, 1969 के संशोधन को लाने के लिए एक प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की।
हरियाणा सरकार को हरियाणा राज्य के 78 विधायकों, हरियाणा के महाधिवक्ता और सैंकड़ों अधिवक्ताओं द्वारा हस्ताक्षरित एक मांग पत्र भी प्राप्त हुआ है। जिसके बाद मुख्यमंत्री ने न्यायालयों में उपयोग के लिए हिंदी भाषा को अधिकृत करने हतु अपनी रुचि भी व्यक्त की है, ताकि हरियाणा के नागरिक पूरी न्याय प्रक्रिया को अपनी भाषा में समझ सकें और आसानी से न्यायालयों के समक्ष अपने विचार रख सकें।
मृतक कर्मचारी के परिवार की मदद राशि बढ़ी
हरियाणा सरकार ने मृतक सरकारी कर्मचारी के परिवार हेतु अनुग्रह अनुदान 25 हजार रुपये से बढ़ाकर 1 लाख रुपये कर दिया है। जोकि पिछले 30 वर्षों से संशोधित नहीं किया गया था। इसके अलावा लापता सरकारी कर्मचारी का परिवार अब प्राथमिकी दर्ज होने की तिथि से केवल छह महीने बाद अनुकंपा वित्तीय सहायता का लाभ पाने का हकदार होगा।
कैबिनेट बैठक में सेवा के दौरान मृत्यु को प्राप्त हुए या लापता हुए सरकारी कर्मचारियों के परिवार के सदस्यों के लिए हरियाणा सिविल सेवाएं (अनुकंपा वित्तीय सहायता या अनुकंपा नियुक्ति) नियम, 2019 के नाम से नई एक्सग्रेसिया स्कीम को स्वीकृति प्रदान की गई। नई योजना पहली अगस्त 2019 से लागू होगी। नई योजनाओं में, ग्रुप-सी या डी के पद पर अनुकंपा नियुक्ति या मृतक कर्मचारी की आयु के आधार पर 15,12,7 वर्ष की अवधि के लिए मासिक वित्तीय सहायता की अनुमति दी गई है।
इसके साथ ही मकान किराया भत्ता या सरकारी आवास की अनुमति एक वर्ष के बजाय दो वर्ष की अवधि के लिए दी गई है। अन्य लाभ अर्थात बारहवीं तक बाल शिक्षा भत्ता, स्नातक तक की ट्यूशन फीस और निर्धारित चिकित्सा भत्ता अपरिवर्तित रहेंगे। इसके अलावा संशोधित योजना के तहत ग्रुप-सी या डी के मृतक कर्मचारियों के सभी ऋण और अग्रिम राशि भी पहले की तरह माफ की जाएगी। लंबित मामलों, जहां परिवार ने पुराने नियमों के तहत कोई लाभ नहीं लिया है, में 2019 की नई योजना या 2006 की पुरानी योजना के तहत लाभ लेने का विकल्प होगा।
हरियाणा में अब हर तेजाब पीड़िता को वित्तीय मदद मिलेगी। मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल बैठक में तेजाब पीड़ित महिलाओं और लड़कियों की वित्तीय सहायता योजना में संशोधन को स्वीकृति प्रदान की गई। अभी तक 2 मई 2011 या उसके बाद तेजाब हमले से पीड़ित महिलाओं व लड़कियों को ही वित्तीय मदद दी जाती थी जो घटना की तीथि से कम से कम तीन वर्ष पहले से हरियाणा में रह रही हो। अब हरियाणा में रह रहीं सभी तेजाब पीड़ितों को वित्तीय लाभ मिलेगा। योजना के तहत वित्तीय सहायता के लिए आवेदन करने के बाद पीड़िता को वर्तमान तिथि से वित्तीय सहायता दी जाएगी। मंत्रिमंडल ने यह भी निर्णय लिया है कि तेजाबी हमले की पीड़ितों को कोई बकाया राशि नहीं मिलेगी।
सरकार के इस फैसले पर राज्यसभा सदस्य व हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी की अध्यक्ष कुमारी सैलजा ने चुटकी ली है। ट्वीट कर सैलजा ने कहा है कि सरकार की पेंशन बढ़ोतरी जुमला साबित हुई। प्रदेश की भोली जनता के साथ गठबंधन सरकार का एक और विश्वासघात किया है। इस वर्ष सिर्फ 250 रुपये पेंशन बढ़ोतरी की गई है। सैलजा के अनुसार जनता के मतों से विश्वासघात कर बनी गठबंधन सरकार के कॉमन मिनिमम प्रोग्राम का पर्दाफाश धीरे-धीरे होने लगा है।